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मोदी, डोवाल से मिलेंगे ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद ! अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच.आर मैकमास्टर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से कल मुलाकत

मोदी, डोवाल से मिलेंगे ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
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नयी दिल्ली/इस्लामाबाद ! अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच.आर मैकमास्टर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से कल मुलाकत करेंगे। श्री मैकमास्टर आज अचानक इस्लामाबाद के दाैरे पर पहुंचे थे और देर रात नयी दिल्ली पहुंचेंगे। ऐसी उम्मीद है कि भारत के शीर्ष नेतृत्व से उनकी मुलाकात के दौरान आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के विस्तार और तालिबान के पुनरुत्थान के कारण अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए उत्पन्न हुये खतरे के बारे में चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार वह श्री मोदी और श्री डोवाल के अलावा विदेश सचिव एस जयशंकर से भी मिलेंगे। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उनकी मुलाकात होगी या नहीं। श्री मैकमास्टर ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की और आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने की जरूरत पर बल दिया । अमेरिका में जनवरी में नये राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने के बाद से पहले दक्षिण एशियाई दौरे पर निकले श्री मैकमास्टर ने पाकिस्तान के लोकतांत्रिक और आर्थिक विकास की सराहना की।

श्री शरीफ के कार्यालय की आेर से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने श्री मैकमास्टर को अवगत कराया कि पाकिस्तान अफगान संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। बयान में यह भी कहा गया है कि श्री शरीफ कश्मीर मसले को लेकर भारत के साथ विवाद को सुलझाने में अमेरिका की मध्यस्थता का स्वागत करेंगे। श्री ट्रंप ने पहले इस मसले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच जारी मतभेद को दूर करने की इच्छा जतायी थी।
इससे पहले श्री मैकमास्टर कल अफगान समाचार चैनल 'टोलो न्यूज' को दिए एक साक्षात्कार में कहा,“हम सब कई सालों से यह उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तानी नेता यह समझेंगे कि पहले की चुनींदा कार्रवाई की रणनीति की बजाय इन समूहों के खिलाफ व्यापक तौर पर कार्रवाई करना उनके अपने हित में है ।”
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान और अन्य जगहों पर उनके हितों को जारी रखने का सर्वश्रेष्ठ तरीका कूटनीति का इस्तेमाल करना है न कि छद्म रवैये का इस्तेमाल करना, जिससे हिंसा को बढ़ावा मिलता है ।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान पर तालिबान को छद्म बल के तौर पर इस्तेमाल करने और इसके नेताओं को शरण देने के आरोप लगते रहे हैं ।


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