जनभागीदारी से डेंगू का अंत संभव : बैजल
नई दिल्ली ! राजधानी को डेंगू व चिकनगुनिया के प्रकोप से बचाने के लिए दिल्ली सरकार में तैयारियां शुरू कर दी हैं और इसी तैयारी का जायजा लेने के लिए राजनिवास में उपराज्यपाल ने बैठक बुलाई।

डेंगू व चिकनगुनिया से निपटने को दिल्ली सरकार ने कसी कमर
नई दिल्ली ! राजधानी को डेंगू व चिकनगुनिया के प्रकोप से बचाने के लिए दिल्ली सरकार में तैयारियां शुरू कर दी हैं और इसी तैयारी का जायजा लेने के लिए राजनिवास में उपराज्यपाल ने बैठक बुलाई। बैठक में डेंगू और चिकनगुनिया की तैयारी की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री सत्येन्द्र जैन, मुख्य सचिव, शहरी विकास प्रधान सचिव, उत्तर रेलवे महाप्रबंधक, लोक निर्माण विभाग सचिव, दिल्ली जल बोर्ड सीइओ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ पिछले वर्ष की परिस्थितियों जैसे हालात से बचने के लिए रोडमैप पर चर्चा की, तो वहीं डेंगू और चिकनगुनिया को रोकने के लिए सभी हितधारकों को ‘मानक संचालन प्रक्रिया’ अपनाने के निर्देश दिए गए। बैठक में सभी हितधारकों के लिए निर्देश देते हुए कहा गया कि उनकी भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए, जिससे मच्छर प्रजनन पर नियंत्रण पाया जा सके। लोगों की जागरूकता के लिए ‘मानक संचालन प्रक्रिया’ को सार्वजनिक किया जाए। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी संबंधित विभाग अपनी कार्ययोजना को एक-दूसरे से साझा करें, जिससे बेहतर समन्वय हो सके। डीडीए, दिल्ली मेट्रो, पीडब्ल्यूडी, डीजेबी जैसी सभी निर्माण एजेंसियां अपने सभी कार्यकलापों की सूचना अपनी बेवसाइट पर दें, तो वहीं तीनों निगमों, स्वास्थ्य विभाग, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद आदि के कर्मचारियों के दौरे का विवरण व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए। जिन अधिकारियों की फील्ड ड्युटी लगाई जाए, उन पर भी सख्ती से निगरानी हो। सभी सरकारी विभागों, निजी संस्थानों को परिपत्र जारी करते हुए व्यक्तिगत व सामूहिक बैठक करने के निर्देश दिए जाए, जिसमें लार्वा के प्रजनन होने वाले स्थानों को चिन्हित किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों को मच्छरदानी, दवाईयां आदि के साथ-साथ सभी उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उपराज्यपाल ने जोर देते हुए कहा कि डेंगू, चिकनगुनिया व अन्य जलजनित बीमारियों के रोकथाम के लिए समुदाय व लोगों को व्यापक रूप शिक्षित किया जाए, तो वहीं डेंगू-चिकनगुनिया से लड़ाई में जनता की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए।


