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निगम चुनाव के चलते आवासीय योजना पर लगी रोक

नई दिल्ली ! दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की आवासीय योजना के तहत राष्टï्रीय राजधानी में अपना घर बनाने का सपना देख रहे लोगों का इंतजार और लंबा हो गया है।

निगम चुनाव के चलते आवासीय योजना पर लगी रोक
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नई दिल्ली ! दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की आवासीय योजना के तहत राष्टï्रीय राजधानी में अपना घर बनाने का सपना देख रहे लोगों का इंतजार और लंबा हो गया है। हालांकि डीडीए की आवासीय योजना तय समय पर लांच होती रही हैं। इस बार भी आवेदन पत्र, बुकलेट, फ्लैट आबंटन के लिए कंप्यूटरीकृत ड्रा की नवीन व्यवस्था, शुल्क भुगतान के लिए 8 बैंको का चयन आदि कार्य संपन्न किए जा चुके हैं। लेकिन दिल्ली नगर निगम के चुनाव के चलते राज्य में लागू आदर्श आचार संहिता से इस आवासीय योजना पर रोक लग गई है।
डीडीए के जनसंपर्क निदेशक डी सरकार के मुताबिक प्रस्तावित आवासीय कॉलोनियों में जलापूर्ति, सडक़, सीवरेज, प्रकाश व्यवस्था इत्यादि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। जबकि दैनिक उपभोग की वस्तुओं के लिए सफल और मदर डेयरी जैसे आउटलेट्स भी खोले जा रहे हैं। लोगों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। निगम चुनाव के बाद मई-जून में ही आवासीय योजना को लांच किया जा सकेगा। गौरतलब है कि पिछले साल 2016 में दिवाली के आसपास डीडीए की आवासीय योजना को लांच किया जाना प्रस्तावित था। जो अपरिहार्य कारणों के चलते अगले साल 2017 तक के लिए टाल दी गई। वहीं, साल 2017 में होली पर्व के आसपास भी इस योजना को नहीं ला पाने के पीछे निगम चुनाव के चलते दिल्ली में लागू आदर्श आचार संहिता को एक बढ़ा कारण माना जा रहा है।
डीडीए की आवासीय योजना 2017 में राजधानी के सरिता विहार, जसौला, द्वारका, पीतमपुरा, सुखदेव विहार, नरेला, रोहिणी, जहांगीरपुरी, लोकनायकपुरम, दिलशाद गार्डन, पश्चिम विहार, बिन्दापुर, मुखर्जी नगर आदि में मौजूद विभिन्न श्रेणियों के लगभग 13,000 फ्लैट शामिल हैं। इनमें साल 2014 में लाई गई आवासीय योजना के तहत वापिस लौटाए गए या रद्द किए गए 11544 फ्लैट भी शामिल हैं। इनकी कीमत वही रहेगी, जो साल 2014 में थी। जबकि अन्य फ्लैटों की कीमत अलग रखी गई है। आवेदन पत्र ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों ही विकल्पों से स्वीकार किए जाएंगे। वहीं, ड्रॉ ऑफ लॉट्स होने से पहले अपना आवेदन वापिस लेने वालों की पंजीकरण राशि बिना ब्याज के लौटा दी जाएगी। इस योजना में शामिल जनता व एल.आई.जी. फ्लैट के लिए एक लाख रुपये और एम.आई.जी. एवं एच.आई.जी. फ्लैट के लिए दो लाख रुपये पंजीकरण शुल्क देना होगा जो आवंटित फ्लैट वापिस लौटाने (सरेंडर करने) पर जब्त कर लिया जाएगा।


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