रक्षा बजट में कटौती अनुचित : विपक्ष
नयी दिल्ली ! रक्षा बजट में की गयी कटौती की कड़ी आलोचना करते हुए विपक्ष ने लोकसभा में आज सरकार से सैन्य आधुनिकीकरण के लिए विशेष प्रयास करने और सीमा की रक्षा में जुटे जवानों को सभी जरूरी सुविधाएं

नयी दिल्ली ! रक्षा बजट में की गयी कटौती की कड़ी आलोचना करते हुए विपक्ष ने लोकसभा में आज सरकार से सैन्य आधुनिकीकरण के लिए विशेष प्रयास करने और सीमा की रक्षा में जुटे जवानों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की अपील की।
रक्षा मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर रक्षा क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए दो लाख 74 हजार 114 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का महज 2.1 प्रतिशत है। यह रक्षा जरूरतों के हिसाब से नाकाफी है।
भारतीय जनता पार्टी के आर. के. सिन्हा ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में धन की कमी नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि देश की आन-बान-शान की रक्षा करना मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता है और नियंत्रण रेखा के उस पार सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकवादियों के लांचिंग पैड को ध्वस्त करना इसका पुख्ता प्रमाण है।
उन्होंने रक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्वोत्तर में चीन से भारत को कड़ी चुनौती मिल रही है और भारतीय जवान इसका करारा जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा और सरकार सेना को हरसंभव मदद करने को तैयार है।”
तृणमूल कांग्रेस के सुगतो बोस ने सेना के विभिन्न अंगों के आधुनिकीकरण की दिशा में सरकारी उदासीनता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को घेरने के लिए चीन ने समुद्र में भी अपनी पैठ बढ़ाई है, इसके बावजूद भारतीय नौसेना में सामरिक अाधुनिकीकरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ का नारा तो देती है, लेकिन उसने रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए लाभांश की घोषणा नहीं की।
बीजू जनता दल के पिनाकी चंद्र मिश्रा ने रक्षा खरीद के संबंध में स्थायी समिति की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि जवानों को बुलेट प्रूफ जैकेट, हथियार और गोला बारूद से लेकर जीवनरक्षक रक्षा सामग्रियां उपलब्ध नहीं हो पा रही है और इन सबकी एक मात्र वजह बजटीय प्रावधान में कटौती है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के ए पी जितेन्द्र रेड्डी ने जवानों को मिलने वाली सुविधाओं में खामियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान तेज बहादुर का मामला इसका जीता जागता उदाहरण है।
शिवसेना के आनंदराव अडसुल ने पाकिस्तान की ओर से जारी आतंकवादी गतिविधियों का हवाला देते हुए कहा कि पड़ोसी देश से एक बार आमने-सामने की लड़ाई आवश्यक है। उन्होंने सैन्य आधुनिकीकरण की आवश्यकता जताई।
चर्चा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए सम्पत और भाजपा के गोपाल शेट्टी ने भी हिस्सा लिया। चर्चा अधूरी रही।


