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खिलाड़ियों के हितों को आहत किये बिना बीसीसीआई अविलंब चैम्पियंस ट्रॉफी टीम घोषित करे : सीओए

नई दिल्ली ! भारत में क्रिकेट की देखरेख के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई)

खिलाड़ियों के हितों को आहत किये बिना बीसीसीआई अविलंब चैम्पियंस ट्रॉफी टीम घोषित करे : सीओए
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नई दिल्ली ! भारत में क्रिकेट की देखरेख के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को आड़े हाथों लेते हुए उससे जल्द से जल्द चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम की घोषणा करने को कहा है। सीओए ने बोर्ड से कहा कि नए वित्तीय ढांचे को लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के साथ मतभेद के बावजूद टीम की घोषणा में विलम्ब नहीं होना चाहिए।

आईसीसी ने बीते सप्ताह अपने बोर्ड की बैठक में आय में बीसीसीआई के हिस्से को कम करने के लिए मतदान किया था। इससे नाराज बीसीसीआई ने 1 से 18 जून तक इंग्लैंड में होने वाले चैम्पियंस ट्राफी से हाथ खींचने के विचार से अब तक टीम की घोषणा नहीं की है जबकि इसकी अंतिम तारीख बीत चुकी है। दूसरी टीमें इस टूर्नामेंट के लिए टीम की घोषणा कर चुकी हैं।

सीओए ने कहा है कि नियामक संस्था के साथ मतभेद के बाद भी बीसीसीआई को खिलाड़ियों के हितों की आहत नहीं करना चाहिए क्योंकि किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेना उनका अधिकार है।

रविवार को होने वाली विशेष आम बैठक (एसजीएम) से पहले बीसीसआई के संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी को लिखे पत्र में सीओए ने चयन समिति की आपात बैठक बुलाने की मांग की और चैम्पियंस ट्रॉफी के लिीटी म घोषित करने को कहा।

आईसीसी ने इस टूर्नामेंट के लिए टीम घोषित करने की अंतिम तारीख 25 अप्रैल तक की थी।

पत्र में कहा गया है, "आप इस बात से अवगत होंगे कि चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारत की टीम 25 अप्रैल तक चुन ली जानी चाहिए थी लेकिन अब तक इसका चयन भी नहीं हुआ है। कृपया चयन समिति की बैठक बुलाइए और शीघ्र टीम का चयन करें। इसके बाद इस टीम की सूची बीसीसीआई के कानूनी अधिकारों से दूर रखते हुए आईसीसी को सौंपी जाए।"

सीओए ने आगे लिखा है कि भारत 1 जून से होने वाले इस टूर्नामेंट का खिताब बचाए, इसकी पूरी तैयारी होनी चाहिए। पत्र के मुताबिक, "चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत के प्रतिनिधित्व को लेकर काफी नकारात्मक बातें सामने आ चुकी हैं और इन पर जितनी जल्द विराम लगाया जाए, उतना ही अच्छा होगा। खिलाड़ियों के हित सर्वोपरि हैं और इन्हें तैयारी करने तथा खिताब बचाने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।"

"हमारा ध्यान टीम को नई ऊंचाइयों के लिए तैयार करना चाहिए, जिससे कि वह अधिक से अधिक खिताब जीत सके। टीम जितने खिताब जीतेगी, बोर्ड की आय उतनी ही बढ़ेगी।"

साथ ही साथ सीओए ने भारतीय क्रिकेट में हित में अतिशीघ्र आईसीसी के साथ जारी मतभेदों को दूर करने की अपील की है। पत्र के मुताबिक, "हम यह मानते हैं कि बोर्ड और आईसीसी के बीच का मतभेद क्रिकेट के हित में नहीं हैं और बीसीसीआई द्वारा कोई गलत या खेदजनक कदम उठाए जाने से पहले इन सम्बंधों को सुधारा जाना अतिआवश्यक हो गया है।"

सीओए ने यह भी कहा कि बीसीसीआई को यह नहीं भूलना चाहिए कि आईसीसी या फिर विश्व क्रिकेट में उसका एक अहम स्थान है और उसने यह स्थान लड़ाकू प्रवृति से नहीं बल्कि आम मत से हासिल किया है और ऐसे में उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह अपनी छवि के साथ न्याय करे तथा दूसरे क्रिकेट बोर्डो के साथ अन्याय नहीं होने दे।

सीओए ने कहा है कि विश्व क्रिकेट में बीसीसीआई का एक जिम्मेदार पद है और इस कारण उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि जब दूसरे बोर्डो को जरूरत हो, तब वह उनकी मदद करे और क्रिकेट को विवादों से दूर रखे।


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