कुमार विश्वास का केजरीवाल की कार्यशैली पर निशाना
नयी दिल्ली ! आम आदमी पार्टी (आप) के पांच बड़े नेताओं में एक कवि कुमार विश्वास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली को लेकर खासे नाराज नजर आ रहे है

नयी दिल्ली ! आम आदमी पार्टी (आप) के पांच बड़े नेताओं में एक कवि कुमार विश्वास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली को लेकर खासे नाराज नजर आ रहे है और इशारो-इशारों में ही उन्हें आगाह करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। श्री विश्वास का सोशल मीडिया पर एक लम्बा वीडियों आया है जिसमें उन्होंने श्री केजरीवाल की कार्यशैली को लेकर निशाना साधा है। इससे पहले पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी में टिकट बंटवारे और दिल्ली के तीनों निगमों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर श्री विश्वास ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी नाराजगी जतायी थी । वह पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रचार करने भी नहीं गये थे। दिल्ली की राजौरी गार्डन सीट उपचुनाव के बाद श्री विश्वास ने जिस तरह से ट्वीट और वीडियों जारी कर अपना दर्द बयां किया है उससे यह आभास होता है कि आप में सब कुछ सही नहीं चल रहा । वीडियों में श्री केजरीवाल पर निशाना साधते हुए श्री विश्वास ने कहा कि अगर आप भ्रष्टाचार मुक्ति का पर्व लेकर दिल्ली में सरकार बनायेंगे और उसके बाद आप ही के लोग भ्रष्टाचार के घेरे में होंगे और आप मौन हो जायेंगे। उन्हें बचाने की कोशिश करेंगे तो लोग आप से सवाल पूछेंगे। उन्होंने कहा है कि ये सरकारें आनी-जानी है। पांच साल इन महलों में , सात रेसकोर्स में , मुख्यमंत्री निवासों में आपकी अस्थियां नहीं गाड़ी जानी है । ये देश याद रखता है फकीरों को, यह देश याद रखता है गाँधी को, ये देश याद रखता है जयप्रकाश नारायण को। इसलिए आप सबसे अनुरोध है कि अपने - अपने कोठरों से बाहर निकले । संकट बहुत बड़ा है। तेरह मिनट के इस वीडियों में कश्मीर में कुछ शरारती तत्वों की करतूतों को जवानों के शांति से बर्दाश्त करने पर श्री विश्वास ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी इशारों-इशारों में निशाना बनाया है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार जब पाकिस्तान से बातचीत करती थी तो विपक्ष और हम सभी लोग उस पर सवाल खड़ा करते थे कि पाकिस्तान हमले कर रहा है और हम उससे बातचीत कर रहे है। बातचीत होनी चाहिए । लोकतंत्र में महत्व यही है कि हम बातचीत करते रहे लेकिन अब कोई भी अचानक पाकिस्तान चला जाता है । लाशें आती रहती है, पठानकोठ में हमला होता रहता है। वीडियों में आईएसआई की टीम को देश में बुलाने , सीमा सुरक्षा बल के जवान तेज बहादुर यादव की खाने की गुणवत्ता को लेकर उठाये गये सवाल का भी जिक्र है।
श्री विश्वास ने एक तरफ जहां श्री मोदी पर निशाना साधा है वहीं उनकी तारीफ भी की है। उन्होंने कहा,“ मुझे याद है जब मैं छोटा था तो मुरली मनोहर जोशी जम्मू और कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराने गये है। आज देश के जो प्रधानमंत्री है नरेन्द्र भाई मोदी, वहउस यात्रा के संयोजक थे । हम बड़े खुश थे बहुत अच्छा लगता है जब पीएम दीपावली मनाने सियाचिन जाते है ।”
वीडियों के अंत में कश्मीर का उल्लेख करते हुए उन्हाेंने कहा,“ क्या हममें से ऐसा कोई कर सकता है, क्या देश के प्रधानमंत्री , रक्षा मंत्री , गृह मंत्री , मैं साथ चलने के लिये तैयार हॅू आप सब साथ चलने को तैयार हैं? वह पूरे कश्मीर को अपने साथ लें और वहां के लोगों से कहिये , आइये इस बार 15 अगस्त पर ध्वजारोहण के बाद दो बजे लाल चौक पर ध्वजारोहण होगा। इतना बड़ा झंडा लगायेंगे कि उसकी छाया और उसका लहराना पाकिस्तान तक दिखाई दें। मुझे आशा है कि मेरी आवाज इन नवीन पृथ्वीराजों के कान तक पहुंचेगी, चाहे वह दिल्ली के छोटे सिंहासन पर हो, चाहे दिल्ली के बड़े सिंहासन पर हो।”
इससे पहले राजौरी गार्डन विधानसभा सीट के उपचुनाव का नतीजा आने के बाद श्री विश्वास ने कई ट्वीट किये थे जिसमें उन्होंने इशारे-इशारों में श्री केजरीवाल पर निशाना साधा था। एक ट्वीट में उन्होंने शायर अब्बास ताबिश का शेयर का उल्लेख करते हुए कहा, “ पानी आंख में भरकर लाया जा सकता है , अभी जलता शहर बचाया जा सकता है। ” कवि ने अपने 29 मार्च के ट्वीट को रिट्वीट किया, “ जो बातचीत के असली हिमायती थे कभी , वे बातचीत को मुंहजोरियां समझते है, मैं जो चुप रहता हॅू तो मेरे कुछ कमजर्फ अजीज मेरे लिहाज को कमजोरियां समझते है। ”
पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान भी श्री विश्वास के नाराज होने की खबरें आई थी और उनके पार्टी छोड़ने की अफवाहें भी उड़ी थी। राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार हरजीत सिंह जमानत भी नहीं बचा पाये थे। वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में पत्रकार से राजनीति में उतरने वाले जरनैल सिंह यहां से विजयी हुये थे किन्तु पंजाब विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ लम्बी से चुनाव लड़ने के लिये इस्तीफा दे दिया था। जरनैल सिंह लम्बी विधानसभा चुनाव में हार गये थे।


