रेल विकास प्राधिकरण के गठन को कैबिनेट की मंज़ूरी
नयी दिल्ली ! केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे के परिचालन की नीति में पहली बार ऐतिहासिक परिवर्तन करते हुए रेल विकास प्राधिकरण के गठन को आज स्वीकृति दे दी जो यात्री किराया-मालभाड़ा तथा रेलवे की

नयी दिल्ली ! केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे के परिचालन की नीति में पहली बार ऐतिहासिक परिवर्तन करते हुए रेल विकास प्राधिकरण के गठन को आज स्वीकृति दे दी जो यात्री किराया-मालभाड़ा तथा रेलवे की दक्षता एवं प्रदर्शन के मानक तय करने के साथ साथ निवेशकों को निष्पक्ष एवं न्यायसंगत अवसर प्रदान करने एवं प्रचार प्रसार का काम करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस प्राधिकरण में एक अध्यक्ष एवं तीन सदस्य होंगे। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों को इसमें जगह दी जा सकेगी। अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। सूत्रों ने बताया कि प्राधिकरण की आरंभिक पूंजी 50 करोड़ रुपय होगी तथा यह रेल अधिनियम 1989 के दायरे में काम करेगा। प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के बारे में सूत्रों ने बताया कि यह गाड़ियों के यात्री किराये एवं मालभाड़े का निर्धारण करेगा। रेलवे के दक्षता एवं प्रदर्शन के मानक तय करेगा। रेलवे में निवेश करने वालों के लिये निष्पक्ष एवं न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित करेगा तथा सूचनाओं के प्रचार प्रसार का काम करेगा। भारतीय रेलवे का परिचालन लागत अनुपात पिछले कुछ वर्षो से आय के मुकाबले बढ़ता जा रहा है। इसे संतुलित करने के लिये रेलवे ने अनेक उपाय किये हैं। रेलवे के ढांचागत सुधारों पर बिबेक देबराय कमेटी ने विभागीय सांगठनिक पुनर्गठन की सिफारिश की थी। उसी के तहत इस प्राधिकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसी संदर्भ में अंतरिम रेल बजट 2014-15 के तहत इसके गठन की घोषणा की गयी थी।


