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भाजपा सांसद ने डीयू छात्रा की तुलना दाऊद से की, कांग्रेस बिफरी

नई दिल्ली ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कर्नाटक से सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ आवाज उठाने वाली

भाजपा सांसद ने डीयू छात्रा की तुलना दाऊद से की, कांग्रेस बिफरी
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नई दिल्ली ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कर्नाटक से सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ आवाज उठाने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर की तुलना अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम से कर दी, इसके बाद बवाल मच गया। कर्नाटक के मैसुरु से सांसद सिम्हा ने रविवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक तरफ गुरमेहर की और दूसरी तरफ दाऊद की तस्वीर पोस्ट की है।

कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सेना के कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी गुरमेहर ने पिछले सप्ताह रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एबीवीपी के खिलाफ अभियान छेड़ा था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वह लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा हैं।

गुरमेहर की तस्वीर के ऊपर लिखा है, 'सैनिक की बेटी' और दाऊद की तस्वीर के ऊपर लिखा है, 'पुलिसकर्मी का बेटा।'

गुरमेहर की तस्वीर के साथ 'मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं, युद्ध ने मारा' नारा लिखा है, जबकि दाऊद की तस्वीर में जो नोटिस है, उस पर लिखा है, 'मैंने 1993 में लोगों को नहीं मारा, बल्कि बमों ने उन्हें मारा।"

पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "यहां तक कि दाऊद ने भी अपने राष्ट्र-विरोधी रुख को वाजिब ठहराने के लिए अपने पिता के नाम का सहारा नहीं लिया।"

इसकी निंदा करते हुए कांग्रेस ने कहा कि सिम्हा सांसद होने के लायक नहीं हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "जो शहीद के परिवार के प्रति सम्मान भाव नहीं रखता, जिसमें उस लड़की के दर्द के प्रति कोई संवेदना नहीं है जो बिना पिता के पली-बढ़ी, क्योंकि उसके पिता ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसा व्यक्ति सांसद होने के लायक नहीं है।"

उन्होंने कहा, "ऐसे व्यक्ति को भारतीय लोकतंत्र के सर्वोच्च संस्थान में बैठने का कोई अधिकार नहीं है।"

तिवारी ने कहा, "दुर्भाग्यवश यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्वाभाविक प्रकृति बन गई है, क्योंकि इसका शीर्ष नेतृत्व ही संवेदना विहीन है।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "जब आपके पास एक ऐसा प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) हो, जो मीडिया को 'बाजारू' कहे बौर उसके मंत्री पत्रकारों को प्रोस्टीट्यूट, उसके अग्र संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तथा भाजपा हिंसा फैलाते हों, तो उनके सांसद को निश्चित तौर पर लगता होगा कि कारगिल शहीद के परिवार के सदस्यों का अपमान करके उन्हें मोदी की कैबिनेट में जगह मिल सकती है।"

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में बीते बुधवार को एबीवीपी और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। एक दिन पहले ही एबीवीपी ने रामजस कॉलेज में आयोजित उस सेमिनार को जबरन रद्द करा दिया था, जिसमें जेएनयू के छात्र उमर खालिद को आमंत्रित किया गया था।


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