लौह अयस्क मामले की जांच एसआईटी करेगी : न्यायालय
नई दिल्ली/बेंगलुरू ! सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्रियों एन. धरम सिंह और एच.डी. कुमारस्वामी के अवैध लौह

नई दिल्ली/बेंगलुरू ! सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्रियों एन. धरम सिंह और एच.डी. कुमारस्वामी के अवैध लौह अयस्क खनन मामले में भूमिका की जांच करने का आदेश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने एसआईटी को तीन महीने के भीतर एक रपट पेश करने का निर्देश दिया।
एच.डी.कुमारस्वामी ने एक बयान में कहा, "मैं मामले की जांच एसआईटी से कराने का निर्देश देने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करता हूं। मैं अपना पूरा सहयोग एसआईटी पुलिस को जांच के दौरान दूंगा।"
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा के खिलाफ निलंबित जांच भी इस दौरान जारी रहेगी। कृष्णा 22 मार्च को कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
न्यायमूर्ति पी.सी. घोष और न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय सहित सभी दूसरी अदालतों पर मामले में किसी तरह का आदेश पारित करने पर रोक लगा दिया।
बेंगलुरू के एक कार्यकर्ता टी.जे. अब्राहम ने आईएएनएस से कहा, "भ्रष्टाचार के खिलाफ मामलों को लड़ना आसान नहीं है। एक व्यक्ति को भ्रष्टाचार के मामलों की लड़ाई के लिए बहुत धैर्य की जरूरत होती है। यदि आप धैर्य के साथ आगे बढ़ते हैं तो आपको भ्रष्टाचार के मामलों में सफलता मिलेगी।"
अब्राहम ने कृष्णा और दूसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें वन क्षेत्रों (कर्नाटक के बेल्लारी जिले में 11,797 वर्ग किमी वन) को निजी व्यक्तियों को आवंटित करने में हुई अनियमितता को लेकर मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।
अब्राहम ने कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े की रपट का हवाला देते हुए कहा कि कृष्णा सहित कुछ अन्य अधिकारियों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए वन भूमि को अनारक्षित करने की अनुमति दी थी।


