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अपने खिलाफ लगाए आरोपों को नेतन्याहू ने बताया 'आधारहीन'

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पुलिस के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उसने कहा है कि रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने के दो अलग-अलग मामलों में नेतन्याहू के खिलाफ उसके पास पर्याप्

अपने खिलाफ लगाए आरोपों को नेतन्याहू ने बताया आधारहीन
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जेरुसलम। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पुलिस के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उसने कहा है कि रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने के दो अलग-अलग मामलों में नेतन्याहू के खिलाफ उसके पास पर्याप्त सबूत हैं। बीबीसी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि मंगलवार को आरोप सामने आने के तुरंत बाद टेलीविजन पर नेतन्याहू ने इन्हें 'आधारहीन' बताया और देश का नेता बने रहने की प्रतिबद्धता जताई।

उन्होंने कहा, "बीते सालों में, मैं 15 पूछताछ और जांचों का हिस्सा रहा हूं। कुछ का अंत आज रात की तरह पुलिस की सनसनीखेज संस्तुतियों के साथ हुआ। उन सभी प्रयासों का परिणाम कुछ नहीं निकला और इस बार भी उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा।"

नेतन्याहू (68) ने कहा कि जब तक इजरायल की जनता नेतृत्व करने के लिए उन्हें चुनती रहेगी, तब तक वह जिम्मेदारी और ईमानदारी के साथ देश का नेतृत्व करना जारी रखेंगे।

बीबीसी ने कहा कि पुलिस ने अपने बयान में संस्तुति की है कि इजरायली नेता पर रिश्वतखोरी के आरोप तय किए जाने चाहिए क्योंकि उसके पास उन्हें दोषी साबित करने के लिए 'पर्याप्त सबूत' हैं।

पुलिस द्वारा दर्ज पहले मामले को 'केस1000' का नाम दिया गया है। इसमें आरोप है कि नेतन्याहू ने कथित तौर पर इजरायली कारोबारी व हॉलीवुड निर्माता अरनॉन मिलचन और आस्ट्रेलियाई कारोबारी जेम्स पैकर से रिश्वत ली थी।

पुलिस ने कहा कि 2007 से 2016 के बीच नेतन्याहू और उनके परिवार ने लाखों शेकेल (करीब 2,82,800 डॉलर) के महंगे सिगार, शैम्पेन और आभूषणों को लिया।

बयान में कहा गया कि 2009 में नेतन्याहू के फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उन्हें भेंट किए जाने वाले सामानों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली।

महंगे सामान लेने के बदले नेतन्याहू ने अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क कर मिलचन के अमेरिका में रहने को लेकर वीजा अवधि को बढ़ाने के लिए कहा।

उन्होंने ऐसे कानून को भी बढ़ावा देने का काम किया जो 10 साल से अधिक समय तक विदेश में रहे इजरायली नागरिकों को लौटने पर कर में छूट प्रदान करता है, जिसे 'मिलचन विधेयक' के नाम से जाना जाता है और इसने मिलचन को इजरायली मीडिया में निवेश बढ़ाने में मदद की।

एक अन्य मामले 'केस 2000' में नेतन्याहू पर कथित रूप से अरनॉन मोजेस से रिश्वत लेने का आरोप है, जो इजरायल के सबसे बड़े समाचार पत्रों में से एक येदिओथ अहारोनोथ के प्रकाशक हैं।

पुलिस ने कहा कि नेतन्याहू और मोजेस के बीच एक समझौते पर बात हुई, जिसके अंतर्गत योदिओथ अहारोनोथ में नेतन्याहू के पक्ष में कवरेज होगा और बदले में वह (नेतन्याहू) ऐसे कानून और अन्य उपायों को बढ़ावा देंगे जो येदिओथ के मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाचार पत्र इजरायल हायोम के वितरण को सीमित करेगा।

नेतन्याहू ने एक वीडियो में खुद को बेगुनाह बताया है। यह देश के सभी मुख्य चैनलों पर और उनके फेसबुक पेज पर प्रसारित हुआ है।

पर्यटन मंत्री यारिव लेविन ने पुलिस के बयान को निंदनीय बताते हुए इसे सरकार का तख्तापलट करने के मकसद से दिया गया बयान बताया।

नेतन्याहू आरोपों का सामना करेंगे या नहीं, इस पर अंतिम फैसला अटॉर्नी जनरल के कार्यालय द्वारा लिया जाएगा। निर्णय लेने में महीनों लग सकते हैं।


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