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नेपाल : स्कूल शिक्षा विधेयक का मुद्दा, प्रदर्शनकारी शिक्षकों की मांगों पर विचार के लिए बुलाया गया संसद सत्र

नेपाल सरकार ने देश में प्रदर्शनकारी शिक्षकों की मांग को पूरा करने और स्कूल शिक्षा विधेयक पारित करने के लिए 25 अप्रैल को संसद का सत्र बुलाया है

नेपाल : स्कूल शिक्षा विधेयक का मुद्दा, प्रदर्शनकारी शिक्षकों की मांगों पर विचार के लिए बुलाया गया संसद सत्र
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काठमांडू। नेपाल सरकार ने देश में प्रदर्शनकारी शिक्षकों की मांग को पूरा करने और स्कूल शिक्षा विधेयक पारित करने के लिए 25 अप्रैल को संसद का सत्र बुलाया है।

स्कूल शिक्षा अधिनियम को तत्काल लागू करने की मांग को लेकर शिक्षकों की देशव्यापी हड़ताल के साथ ही विरोध प्रदर्शन तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया। 'शिक्षण पेशे का सम्मान करें' और 'शिक्षा अधिनियम को तुरंत लागू करें' जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर शिक्षकों ने सड़क पर अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया।

मंगलवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सरकार की सिफारिश पर स्कूल शिक्षा विधेयक को मंजूरी दिए बिना ही संघीय संसद सत्र को स्थगित कर दिया, जो डेढ़ साल से सदन की समिति में लंबित था।

रिपोर्ट्स से पता चलता है कि देश भर से शिक्षक काठमांडू में स्कूल शिक्षा अधिनियम को लागू करने की मांग को लेकर इक्ट्ठा हुए, जो सरकार की पिछली प्रतिबद्धताओं के बावजूद संसद में लंबित पड़ा हुआ है।

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल की शिक्षा मंत्री बिद्या भट्टाराई ने कहा कि मंगलवार शाम को हुई कैबिनेट बैठक में विधेयक के पारित होने में समन्वय के लिए 25 अप्रैल को सदन का सत्र बुलाने का फैसला किया गया।

शिक्षा मंत्रालय और शिक्षकों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के बाद कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिलने के बाद यह फैसला लिया गया।

नेपाल शिक्षक संघ की संयुक्त अध्यक्ष नानू माया परजुली ने कहा, "यदि प्रधानमंत्री, नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष, सीपीएन (माओवादी केंद्र) अध्यक्ष और स्पीकर चाहें तो स्कूल शिक्षा विधेयक को बिना किसी देरी के मंजूरी दी जा सकती है। हम बस इतना चाहते हैं कि हमारी मांगों को शामिल करते हुए अधिनियम बनाया जाए।"

इस बीच नेपाल के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार को चल रहे विरोध प्रदर्शन पर गंभीर चिंता व्यक्त की और संबंधित पक्षों से बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने का आग्रह किया।


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