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पड़ोसी मुल्क भारतीय संस्कृति की सांझी विरासत : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि देश के पड़ोसी मुल्क भारतीय संस्कृति की सांझी विरासत हैं और भारत की परम्पराओं को आज वैश्विक स्वीकार्यता मिल रही है

पड़ोसी मुल्क भारतीय संस्कृति की सांझी विरासत : योगी
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गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि देश के पड़ोसी मुल्क भारतीय संस्कृति की सांझी विरासत हैं और भारत की परम्पराओं को आज वैश्विक स्वीकार्यता मिल रही है।

श्री योगी ने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन महाराणा प्रताप पी.जी. कालेज में राजनीति शास्त्र विभाग के तत्वावधान में ‘भारत की पड़ोसी नीति: सामयिक राजनयिक विमर्श’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय आनलाइन अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर बोलते हुए कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद स्थापना काल से ही नूतन एवं रचनात्मक प्रयोग करता रही है और इसी क्रम में भारत की पड़ोस नीति विषयक संगोष्ठी का आयोजन महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि श्रीलंका के द्वारा ‘इण्डिया फर्स्ट’ की उदघोषणा भारतीय विदेश नीति की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण है। भारत की विदेश नीति ‘रामराज्य की नीति’ रही है। भारत के जितने भी पड़ोसी हैं वे सभी भारतीय संस्कृति की सांझी विरासत हैं। भारत की परम्पराओं को आज वैश्विक स्वीकार्यता मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इण्डोनेशिया की रामलीला मण्डली मानती है कि इस्लाम उनकी उपासना विधि है लेकिन राम तो हमारे पूर्वज हैं और हम सदैव आत्मिक जुड़ाव भगवान राम से रखते है।

उन्होने कहा कि श्रीराम जी ने लंका विजय के बाद भी लक्ष्मण को बताया कि हमारी जननी जन्म भूमि हमारे लिए स्वर्ग से बढ़कर है। प्रभु राम की यह सर्वे भवन्तु सुखिनः की पड़ोस नीति आज भी हमारी रक्त शिराओं में प्रवाहित होती है। श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश सभी स्वीकार करते हैं कि भारत की पड़ोस नीति अत्यन्त उदार और सहिष्णु है। ऐसे में भारत की पड़ोस नीति विश्व के लिए एक अप्रतिम उदाहरण है।ॉ


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