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कोटपाली व्यपवर्तन योजना में बरती जा रही लापरवाही

जिले की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना कोटपाली  व्यपवर्तन योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैण्ण्जिन किसानों की जीविकोपार्जन को हल करने इस परियोजना को बनाई गई थी

कोटपाली व्यपवर्तन योजना में बरती जा रही लापरवाही
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बलरामपुर। जिले की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना कोटपाली व्यपवर्तन योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। जन किसानों की जीविकोपार्जन को हल करने इस परियोजना को बनाई गई थी। आज वही किसान मुआवजे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो गयेण्ण् कोटपाली परियोजना से जितने भी किसान प्रभवित हुए है।

लघु किसान है और इन्ही किसानों की खेतिहर क्यारी नुमा जमीन पर उक्त योजना का विस्तार होना है। दरसल 86 करोड़ की लागत से कोटपाली व्यपवर्तन परियोजना बनाई गई थीएइस परियोजना पर काम भी शुरू हो गया हैएलेकिन इस परियोजना से आधा दर्जन गांवों के लघु किसानो के समक्ष आजीविका के लिये संकट के काले बादल छा गए है।

इस परियोजना में कोटपाली बांध समेत 10 किलोमीटर के नहर निर्माण के कार्य कराए जाने हैण्ण्जिसके चपेट में 40 से 45 किसानों की क्यारिनुमा जमीन छीन गई हैण्ण्किसानों को जमीन के एवज में किसी प्रकार का मुआवजा प्रशासन की ओर से नही दिया है।

वही आज उक्त परियोजना से प्रभावित होकर किसान जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव के नेतृत्व में कलेक्टर एच एल नायक से मिलने पहुँचे थेण्ण्लेकिन इन किसानों को हर बार की तरह आस्वाशन ही प्रशासन की ओर से मिलाण्ण् किसानों ने मांगे नही माने जाने पर काम बंद कराने की बाद भी कलेक्टर से कही है।
आपको बता दे इन किसानों को मुआवजे के लिए दर.दर भटकना पड़ रहा है

आखिर गलती किसकी
जिले की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना में नियम के मुताबिक निर्माण कार्य शुरू होने से पहले प्रभवितो को मुआवजे की राशि का ना मिल पाना एक गम्भीर विषय तो है हाी लेकिन प्रशासन को यह सब पहले ही तय कर लेना थाण्ण्और यह सब पहले से क्यो नही किया गया यह समझ से परे है।

यही नही कलेक्टर साहब इस सम्बंध में अपने मातहतों से जानकारी लेकर उचित कार्यवाही का आस्वासन दे रहे हैएलेकिन सवाल अब भी वही है। की जिन किसानों के लाभ के लिए बनी यह परियोजना उन्ही किसानों के लिए मुसीबत बन गई तो आखिर गलती किसकी है


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