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लैंगिक न्याय के लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत : गोयल

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि दुनिया में लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मीडिया, न्यायपालिका, सरकार और दुनियाभर के विद्यालयों को सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता है

लैंगिक न्याय के लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत : गोयल
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नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि दुनिया में लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मीडिया, न्यायपालिका, सरकार और दुनियाभर के विद्यालयों को सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता है।

विश्व के मुख्य न्यायधीशों के सात दिवसीय 20वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर ‘लैंगिक समानता लाने में मीडिया, न्यायपालिका, सरकार और विद्यालयों की भूमिका’ विषय पर आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के दौरान श्री गोयल ने गुरुवार को ये बातें कहीं। बतौर मुख्य अतिथि इस सम्मेलन में शामिल हुए श्री गोयल ने ‘सिटी मॉन्टेसरी स्कूल’ के संस्थापक जगदीश गांधी को लैंगिक समानता के लिए आवाज उठाने के लिए बधाई दी।

इस सम्मेलन में लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था, अनुच्छेद 51, आतंकवाद, वैश्विक पर्यावरण, लिंग समानता, लिंग न्याय और बालिकाओं से संबंधित मुद्दों सहित विभिन्न वैश्विक समस्याओं पर चर्चा हुई। इसके अलावा दुनिया के 2.5 अरब से अधिक बच्चों के भविष्य की सुरक्षा के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। इस सम्मलेन में विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, सांसद, मुख्य न्यायाधीश, कानूनविद, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश तथा विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुख समेत 75 देशों के 285 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

दिल्ली आगमन के बाद आज सुबह त्रिनिदाद एवं टौबेगो देश के पूर्व राष्ट्रपति, हैती एवं लसोथो गणराज्य के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ विश्व के मुख्य न्यायधीश और न्यायधीशों ने राजघाट पर जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के संयोजक एवं ‘सिटी मॉन्टेसरी स्कूल’ के संस्थापक डॉ़ गांधी ने कहा कि स्त्री और पुरुष मानवता के पक्षी के दो पंखों की तरह हैं। इन दोनों पंखों को मजबूत करने के लिए सभी को हाथ मिलाने की जरूरत है क्योंकि सिर्फ मजबूत पंख ही मानवता को एक नयी ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं और सभी का कल्याण सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस साझा मंच पर कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों, मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और शांति प्रचारकों का जमावड़ा वास्तव में इस बात का संकेत है कि कुछ अच्छा होने वाला है, जो मानवता को एक नई दिशा की ओर ले जाएगा।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आठ से 12 नवंबर तक विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 20वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें दुनिया के 2.5 अरब बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सुरक्षा के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।


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