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जल-संकट को जल्द समझने की जरूरत : नीति आयोग

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में जल-संकट की भयावहता को नहीं समझा जा रहा है

जल-संकट को जल्द समझने की जरूरत : नीति आयोग
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नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में जल-संकट की भयावहता को नहीं समझा जा रहा है, जबकि 2030 तक देश के 10 बड़े नगरों में भारी जल संकट छाने वाला है। उन्होंने यमुना को मृत नदी बताया।

उन्होंने कहा कि समग्र जल प्रबंधन सूचकांक पर नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि 60 करोड़ लोग पानी की कमी वाले क्षेत्र में रहते हैं और 2030 तक देश में पानी की मांग दोगुनी हो जाएगी।

राजीव कुमार मिसाइल मैन के नाम से चर्चित भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की तीसरी पुण्यतिथि पर शुक्रवार को आयोजित लिविबल प्लैनेट कान्क्लेव में बोल रहे थे।

इस मौके पर कलाम फेलोशिप की घोषणा की गई। इसके अलावा इस साल डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल अवॉर्ड दीनदयाल शोध संस्थान को प्रदान करने की भी घोषणा की गई।

कलाम फैलोशिप (2018-19) की अवधि 12 माह होगी और इसमें दो महीने का प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण कार्यक्रम शामिल होगा। इस कार्यक्रम का मकसद युवाओं को स्वयं खोज के माध्यम से व्यक्तिगत परिवर्तन का अवसर प्रदान करना है।

कार्यक्रम का आयोजन डॉ. एपीजे कलाम सेंटर द्वारा किया गया जिसमें नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में राज्यसभा महासचिव देशदीपक वर्मा और लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में हिस्सा लिया।

इस मौके पर डॉ. कलाम की कला सलाहकार मसूमा रिजवी और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम केंद्र के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीजन पाल सिंह भी मौजूद थे।

डॉ. एपीजे कलाम सेंटर डॉ. कलाम के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए काम करता है। इसी कड़ी में संस्था की ओर से देश के विभिन्न केन्द्रों पर चार दिवसीय आयोजन किए जा रहे हैं। इसमें गुजरात में तीन नए पुस्तकालय खोलने से लेकर पानी का अधिकार पर वेबसाइट की लांचिंग भी शामिल है।


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