ग्रामीण क्षेत्रों को केंद्र में रखकर पाठ्यक्रम तैयार करने की जरूरत
मानव संसाधन के नेशनल काउंसिल ऑफ रूरल इंस्टीट्यूट्स के तत्वावधान में उच्च शिक्षा में सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में प्रारंभ हुई।

गौरेला। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नेशनल काउंसिल ऑफ रूरल इंस्टीट्यूट्स के तत्वावधान में उच्च शिक्षा में सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला मंगलवार से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में प्रारंभ हुई। इसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों का आह्वान किया गया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों को केंद्र में रखकर रोजगारपरक पाठ्यक्रम तैयार करें। इसमें एनसीआरआई की ओर से पूर्ण सहायता प्रदान की जाएगी।
केंद्र सरकार ने एनसीआरआई को देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इस प्रकार के पाठ्यक्रम तैयार करवाने और इन्हें लागू करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। मध्य प्रदेश के सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ ही आईजीएनटीयू का इस प्रकार के पाठ्यक्रमों के लिए चयन किया गया है।
केंद्र के चेयरमैन प्रो. एस.के. गोविल ने बताया कि उन्नत भारत अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत देशभर के अपार संभावना वाले ग्रामीण क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां के ग्रामीण समुदायों को रोजगार परक पाठ्यक्रमों के माध्यम से शिक्षित और प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस संबंध में हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। डीन प्रो. ए.के. शुक्ला ने उच्च शिक्षण संस्थानों की सामाजिक सहभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक उन्नति के लिए इस प्रकार के पाठ्यक्रमों को अहम बताया।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक स्त्रोत अधिक होने के बाद भी वे आर्थिक रूप से पिछड़े हैं इस पर चिंतन की आवश्यकता है। इससे पूर्व प्रो. प्रसन्ना के. सामल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर डीन प्रो. नवीन शर्मा सहित बड़ी संख्या में विभागाध्यक्ष, शिक्षक और छात्र उपस्थित थे।


