पढ़ाई में गुणवत्ता की कमी को सुधारने की जरूरत: मलिक
मोदीनगर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पढ़ाई में गुणवत्ता की कमी है

गाजियाबाद। मोदीनगर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पढ़ाई में गुणवत्ता की कमी है। इस गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार और शिक्षण संस्थानों को मिलकर काम करना होगा। पाठयक्रमों में बदलाव के साथ-साथ और बहुत सी कमियों को दूर करने की जरूरत है। यह बातें राज्यपाल ने रविवार को एसआरएम यूनिवर्सिटी के दिल्ली-एनसीआर कैंपस स्थित सभागार में कहीं। वे यहां 12वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे थे।
राज्यपाल ने कहा कि कोई भी देश सड़क, पुल, बिसे बड़ा नहीं बनता बल्कि वहां की शिक्षा की गुणवत्ता, सकारात्मक सोच व बुनियादी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने से बड़ा बनता है। शिक्षा के बजट में कोई कटौती नहीं करने की वकालत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कोई भी देश बम डालने से नष्ट नहीं हो सकता। वहां की शिक्षा व्यवस्था को ठप करने से बर्बाद होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि शौच और शौचालय की बात बहुत छोटी है, लेकिन इसका देश की प्रगति में बड़ा योगदान है।
इसलिए बिहार में उन शिक्षण संस्थानों को कतई मान्यता नहीं दी जाएगी, जहां अलग से महिलाओं के लिए शौचालय नहीं हैं। राज्यपाल ने जगह-जगह खुले अनेकों शिक्षण संस्थानों पर चुटकी ली और कहा कि शिक्षण संस्थानों की भी आज बाढ़ सी आ गई है। इससे पहले यूनिवर्सिटी के संस्थापक टी. पारीवेंधर ने राज्यपाल को शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में पर्यावरण एवं वानिकी मंत्रालय के वाइस चेयरमैन डा. केएस राणा मौजूद रहे। राज्यपाल ने बीटेक, एमबीए, होटल मैनेजमेंट आदि के करीब 500 छात्र-छात्राओं को स्नातक की उपाधि प्रदान की। यूनिवर्सिटी के निदेशक डा. मनोज कुमार पांडेय ने संस्थान की उपलब्धियां गिनाईं। इस मौके पर विधायक डा. मंजू शिवाच, सतेंद्र त्यागी, मनोज शर्मा, बलराम चौधरी, प्रभात चौधरी, डा. नवीन अहलावत, डा. आर. पी. महापात्रा, डा. रंजना दुबे, डा. गरिमा पाण्डेय, गोपाल राजपूत, समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


