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100-बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सावधान रहने की जरूरत: सौरव गांगुली

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा प्रस्तावित 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सावधान रहने की जरूरूत है

100-बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सावधान रहने की जरूरत: सौरव गांगुली
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कोलकाता। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा प्रस्तावित 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सावधान रहने की जरूरूत है। हालांकि गांगुली देखना चाहते हैं कि यह किस तरह से अस्तित्व में आता है।

गांगुली ने कहा, "यह हकीकत में 16.3 ओवर का खेल है। 50 ओवर से क्रिकेट 20 ओवर तक आया और अब लगभग साढ़े 16 ओवर तक। देखते हैं कि क्या होता है। मुझे लगता है कि उनके दिमाग में ओवरों की वजह 100 की संख्या है। हमें देखना होगा कि क्रिकेट और कितना छोटा होता है।"

यहां अंडर-16 क्रिकेट टूर्नामेंट प्रो स्टार लीग के मौके पर गांगुली ने कहा, "आपको इसे लेकर सावधान रहना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए की दर्शक आएं, पलक झपके और मैच खत्म। दर्शक खेल का लुत्फ लेना चाहते हैं जिसे एक निश्चित समय तक ले जाने का दबाव रहे और जिसमें उन्हें सही प्रतिभा और सही विजेता दिखे।"

गांगुली का मानना है कि खेल का प्रारुप जितना छोटा होता जाएगा, सर्वश्रेष्ठ और आम प्रतिभा के बीच अंतर कम होता जाएगा।

उन्होंने कहा, "प्रारुप जितना छोटा होता जाएगा, अच्छे और आम खिलाड़ी के बीच का अंतर उतना कम होता जाएगा।"

गांगुली ने कहा कि असल क्रिकेट तो टेस्ट मैच ही है क्योंकि आपको एक ही ऊर्जा से दिन के आखिरी सत्र तक गेंद फेंकनी होती है।

उन्होंने कहा, "इसलिए टेस्ट क्रिकेट अभी तक सबसे बड़ी चुनौती है। यहां आपको सुबह आकर गेंदबाजी करनी है फिर दिन में भी और फिर चायकाल के बाद भी और अंत तक आपको 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करनी होती है।"

भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाने वाले गांगुली ने कहा, "इसके लिए एकाग्रता की जरूरत होती है, तकनीक की जरूरत होती है। टी-20 बना रहेगा क्योंकि इसके वित्तिय कारण हैं और इसमें मजा भी आता है लेकिन असल मजा लंबे प्रारुप में है।"

अप्रैल में 100-बाल क्रिकेट का प्रस्ताव आया था जिसका मकसद युवा दर्शकों को आकर्षित करना है। हालांकि इंग्लैंड के ही कुछ खिलाड़ी इस प्रारुप के खिलाफ हैं।

ईसीबी के निदेशक एंड्रयू स्ट्रास ने कहा था कि यह प्रस्ताव वह 2020 में लागू करेंगे जिसका मकसद बच्चों और मांओं को ग्रीष्मकाल की छुट्टियों में खेल से जोड़ना होगा।


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