Top
Begin typing your search above and press return to search.

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों की विशेष देखभाल की जरुरत : डॉ. मृणाल

ऑटिज्म के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस रोग के बारे में जागरुकता बढ़ाना जरूरी हो गया है

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों की विशेष देखभाल की जरुरत : डॉ. मृणाल
X

ग्रेटर नोएडा। ऑटिज्म के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस रोग के बारे में जागरुकता बढ़ाना जरूरी हो गया है। यह एक ऐसा विकार है जिसका असर शरीर के कम्युनिकेशन और इंटरेक्शन सिस्टम पर पड़ता है।

आटिज्म कोई अकेली बीमारी नहीं है, यह कई बीमारियों का समूह है, जिसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर के नाम से जाना जाता है। इसका असर मरीज के दिमाग पर पड़ता है, यह व्यक्ति के संज्ञानात्मक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह कहना है डॉ. मृणमय दास, कंसलटेन्ट, साइकेट्री डिपार्टमेन्ट, जेपी अस्पताल का।

उन्होंने बताया कि ऑटिज्म के मरीज को कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे वर्बल एवं नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन से जुड़ी समस्याएं, रोशनी, आवाज स्पर्श के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता। 2 अप्रैल को दुनिया भर में ऑटिज्म दिवस मनाया जाता है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए रोग के बारे में जागरुकता बढ़ाना जरूरी हो गया है। एक अनुमान के अनुसार भारत में हर साल ऑटिज्म के 1 मिलियन से ज्यादा मामले सामने आते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि देश में 68 में से 1 बच्चा इस बीमारी से पीड़ित है। डॉ. मृणमय दास ने बताया ऑटिज्म एक जटिल स्थिति है।

माना जाता है कि यह पर्यावरणी व आनुवंशिक कारणों से होता है, लेकिन रोग का सटीक कारण अब तक ज्ञात नहीं है। हालांकि रोग के कारण जानने के लिए बड़ी संख्या में शोध और अनुसंधान किए जा रहे हैं। ऑटिज्म का सबसे बड़ा कारण जीन्स को माना जाता है, कुछ विशेष जीन्स में होने वाले यूटेशन (उत्परिवर्तन) ऑटिज्म का कारण हो सकते हैं। माता-पिता में सामाजिक अक्षमताएं होना और भावनात्मक विकार।

प्रतिबंधित और दोहराने वाला व्यवहार, पर्यावरणी कारक, गर्भधारण के समय माता-पिता की उम्र,गर्भावस्था के दौरान मां का बीमार होना, समय से पूर्व बच्चे का जन्म (26 सप्ताह से पहले), जन्म के दौरान होने वाली मुश्किलें, बच्चे के दिमाग तक आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में न पहुंचना, जन्म के समय बच्चे का वज़न बहुत कम होना, ऐसे कई कारक हैं जो ऑटिज़्म का कारण हो सकते हैं। अनुसंधानों से साफ हो गया है कि दिमाग की संरचना और कार्यों में होने वाली असामान्यताएं अक्सर ऑटिज्म का कारण होती हैं।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की देखभाल कैसे करें

ऑटिज्म से पीड़ित हर बच्चा और हर व्यक्ति अपने आप में अलग होता है। एक व्यक्ति पर जो दवाएं- इलाज कारगर होता है, जरूरी नहीं कि वह दूसरे मरीज पर भी काम करे। इसलिए हर मरीज का इलाज उसके मूल्यांकन के आधार पर तय किया जाता है। ऑटिज्म ऐसी समस्या है जो जीवन भर मरीज के साथ रहती है, हालांकि अगर बच्चे का निदान जल्दी हो जाए और समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो उसकी स्थिति में काफी सुधार लाया जा सकता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it