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जीका वायरस की रोकथाम में जन आंदोलन की जरुरत

जीका वायरस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार पूरे प्रयास कर रही हैं लेकिन इसकी रोकथाम के लिए जन आंदोलन की जरुरत हैं

जीका वायरस की रोकथाम में जन आंदोलन की जरुरत
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जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में जीका वायरस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार पूरे प्रयास कर रही हैं लेकिन इसकी रोकथाम के लिए जन आंदोलन की जरुरत हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने आज आकाशवाणी केन्द्र जयपुर द्वारा प्रदेश के सभी आकाशवाणी केन्द्रों से प्रसारित कार्यक्रम में श्रोताओं के सवालों के जवाब में कहा कि विभाग द्वारा जीका, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को उत्पन्न करने वाले मच्छरों की रोकथाम को जन आंदोलन बनाकर ही जीका तथा अन्य सभी मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण कायम किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला प्रशासन, नगर निगम और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों में प्रतिदिन लगभग 280 चिकित्सा दल घर-घर जाकर दौरा कर रहे हैं एवं स्क्रीनिंग कर बुखार पीड़ित व्यक्तियों तथा गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा मौसमी बीमारियों के नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों में प्रदेशवासी सहयोग कर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में महत्वपूर्ण सहयोग कर सकते हैं।

उन्होंने विभाग द्वारा जयपुर शहर में जीका वायरस के नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार तक शास्त्री नगर क्षेत्र में 76 हजार से अधिक घरों में जाकर सर्वेक्षण किया जा चुका है। इनमें लगभग 64 हजार घरों में लार्वा पाया गया। विभाग, नगर निगम एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त दलों ने एंटी लार्वा गतिविधियां आयोजित कर इस लार्वा को नष्ट किया।

उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में लगभग दो लाख कंटेनर्स की जांच की गई है। इनमें से लगभग 50 हजार कंटेनर्स में लार्वा पाया गया और दलों ने इस लार्वा को भी नष्ट किया है।

गुप्ता ने बताया कि जीका वायरस से डरने और घबराने की जरुरत नहीं है। यह वायरस जानलेवा नहीं है। हालांकि प्रथम तिमाही की गर्भवती महिलाओं पर इसके विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका के मद्देनजर ऐसी महिलाओं की देखरेख पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र से बाहर गई ऐसी महिलाओं को अभी बाहर ही रखने रहने की सलाह दी गई है जबकि क्षेत्र में रह रही गर्भवती महिलाओं को मच्छरों से बचने की विशेष हिदायत दी जा रही है।
गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दल ने भी जयपुर के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही पर संतोष जताया है।

प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही शहर के अन्य सभी क्षेत्रों में भी सतर्कता बरती जा रही है। जिला प्रशासन एवं नगर निगम के सहयोग से शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है।
इस दौरान डॉ रमन शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह छुआछूत का रोग नहीं है और इसका कारण मच्छरों द्वारा काटना है । मच्छरों से बचकर इस रोग से सुरक्षित रहा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को सावधानी बरतने की जरूरत है। संक्रमित व्यक्ति चिकित्सक के परामर्श से सामान्य दवाइयां लेकर पूर्णतया स्वस्थ हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक जीका से संक्रमित पाए गए 55 पॉजिटिव मामलों में 38 व्यक्ति सामान्य दवाइयां लेकर अब जीका के लक्षणों से मुक्त हो चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि हाल में जयपुर के शास्त्रीनगर क्षेत्र में जीका वायरस का प्रकोप पाये जाने पर हड़कम्प मच गया था और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अपना दल भेजा।


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