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जैव-विविधता के लिए 'ग्रीन गुड डीड' की जरूरत : हर्षवर्धन

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने जैव-विविधता को प्रबल बनाने के लिए शनिवार को ग्रीन गुड डीड जैसे सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रमों की जरूरत बताई

जैव-विविधता के लिए ग्रीन गुड डीड की जरूरत : हर्षवर्धन
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नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने जैव-विविधता को प्रबल बनाने के लिए शनिवार को ग्रीन गुड डीड जैसे सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रमों की जरूरत बताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश में जनसांख्यिकीय लाभ लेने के लिए लंबे समय तक हरित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे। राज्य जैव-विविधता बार्ड की 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर कन्वेंशन ऑफ बायोलॉजिकल डायवर्सिटी की छठी राष्ट्रीय रिपोर्ट जारी करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट के मुख्य अंश से भारत की जनता को रूबरू किया जाना चाहिए।

उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे विभिन्न प्रदेशों के अधिकारियों को समाज के हित के लिए जैव-विविधता को प्रबल बनाने के लिए नए विचार विकसित करने और चिंतन प्रक्रिया को अपनाने की सलाह दी।

हर्षवर्धन ने कहा, "हमें चिंतन और नवोन्मेषी सोच विकसित करके उसे समाज के हित के लिए कार्यक्रमों में बदलने की जरूरत है। उसके बाद वर्ष के अंत में ऐसे सम्मेलनों में उनकी समीक्षा भी करनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "मैं इस अवसर पर जैव-विविधता को प्रबल बनाने के बारे में लोगों से बात करने की अपील करना चाहूंगा। वर्ष 2020 तक अधिक संख्या में लोग खासतौर से युवा जैव-विविधता के महत्व से परिचित होंगे, जिसके बाद वे इसके संरक्षण के लिए कदम उठा सकते हैं।"

पर्यावरण मंत्री ने कहा, "ग्रीन गुड डीड आंदोलन पिछले साल शुरू हुआ। इस साल की शुरुआत में हमने 25,000 से अधिक लोगों और विभिन्न संगठनों से संपर्क किया। अब इस आंदोलन ने सबका ध्यान आकर्षित किया है।"


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