Top
Begin typing your search above and press return to search.

फिल्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत : शेखर​​​​​​​

जाने-माने निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर ने आज कहा कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए फिल्मों के चयन की प्रक्रिया में बदलाव और जूरी में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत है

फिल्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत : शेखर​​​​​​​
X

नई दिल्ली। जाने-माने निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर ने आज कहा कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए फिल्मों के चयन की प्रक्रिया में बदलाव और जूरी में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

श्री कपूर ने फीचर फिल्म श्रेणी के लिए 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा के मौके पर यहाँ यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब वह जमाना चला गया जब देश में एक साल में तीन सौ-चार सौ फिल्में बनती थीं। आज हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं। इसलिए उनके चयन की प्रक्रिया में भी बदलाव की जरूरत है।

पुरस्कारों की घोषणा के बाद उनकी अनुशंसा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनकी जूरी के 11 सदस्यों को 10 दिन में 73 फिल्में देखकर पुरस्कारों पर फैसला करना था। जूरी ने सुबह नौ बजे से लेकर रात दो-दो बजे तक फिल्में देखीं। यह आसान काम नहीं होता। सिर्फ फिल्में देखनी ही नहीं होती। उनकी एक-एक बारीकियों पर ध्यान देना होता है।

श्री कपूर ने कहा कि कुछ ऐसी प्रणाली होनी चाहिये कि जूरी के पास अंतिम फैसले के लिए जो फिल्में आती हैं उनकी संख्या कम हो और अपने फैसले के लिए जूरी को अधिक समय मिले। साथ ही उन्होंने जूरी में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की भी वकालत की।

उन्होंने कहा, “महिलाओं का ध्यान बारीकियों पर ज्यादा जाता है। हमारी 11 सदस्यी जूरी में सिर्फ दो महिलाएँ थीं। मैं समझता हूँ कि 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी होनी चाहिये।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it