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'करीब 70 फीसदी वर्षाजल बर्बाद हो जाता है'

कृषि रसायन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी धानुका एग्रीटेक ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से विश्व जल दिवस के अवसर पर गुरुवार को जल संरक्षण सम्मेलन का आयोजन किया

करीब 70 फीसदी वर्षाजल बर्बाद हो जाता है
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नई दिल्ली। कृषि रसायन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी धानुका एग्रीटेक ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से विश्व जल दिवस के अवसर पर गुरुवार को जल संरक्षण सम्मेलन का आयोजन किया। इस दौरान कहा गया कि करीब 70 फीसदी वर्षाजल बर्बाद हो जाता है और महज 30 फीसदी का ही संरक्षण होता है। धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर. जी. अग्रवाल ने कहा, "जल महत्वूपर्ण संसाधन है, जिसका उपयोग हर कोई करता है और खासतौर से खेती के लिए इसकी खास उपयोगिता है। लेकिन जल की अत्यधिक बर्बादी के कारण यह समाप्त हो रहा है। करीब 70 फीसदी वर्षाजल बर्बाद हो जाता है और महज 30 फीसदी का ही संरक्षण होता है।" उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा एक अध्ययन पर आधारित है।

कृषि व अन्य आर्थिक गतिविधियों में पानी के उपयोग के लिए दीर्घकालीन व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के मकसद से करवाए गए इस सम्मेलन में सड़क परिवहन, राजमार्ग, जहाजरानी और जल संसाधन, नदी विकास व गंगा कायाकल्प मंत्री नितिन गडकरी, संसदीय कार्य, जल संसधान, नदी विकास व गंगा कायाकल्प राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल, पद्म भूषण डॉ. आर. बी. सिंह समेत कई नामचीन हस्तियों ने शिरकत की।

अग्रवाल ने बताया कि 16-22 मार्च के दौरान विश्व जल सप्ताह के मौके पर कंपनी की ओर से हर साल उनके कर्मचारी देशभर के किसानों के साथ बैठकें कर उन्हें जल संरक्षण के बारे में बताते हैं।


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