एनडीएमसी ने नॉवेल्टी सिनेमा के संबंध में 'आप' के आरोपों को बताया निराधार
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगी राम जैन ने आम आदमी पार्टी द्वारा नॉवल्टी सिनेमा के संबंध में निगम पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है

नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगी राम जैन ने आम आदमी पार्टी द्वारा नॉवल्टी सिनेमा के संबंध में निगम पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। समिति अध्यक्ष जोगी राम जैन ने बताया कि नॉवल्टी सिनेमा की भूमि कुल 1157 वर्ग मी है और यहां पर सर्कल रेट 70,080 रुपए प्रति वर्ग मी है। कमर्शियल रेट के हिसाब से यहां पर फैक्टर तीन लगता है इसके अनुसार नॉवल्टी सिनेमा की भूमि की कीमत करीब 24 करोड़ रुपये आती है।
इसके बावजूद निगम ने नॉवल्टी सिनेमा की भूमि की 34.59 करोड़ रुपये बेसिक कीमत रखी है। इस भूमि की निविदाएं कुल 34.75 करोड़ रुपये आयी हैं। निविदाएं आमंत्रित करने की पूरी प्रक्रिया में ई टेंडरिंग का पालन किया गया है।
दरअसल आप की ओर से सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि, ''एनडीएमसी ने वाणिज्यिक क्षेत्र में स्थित इस सिनेमा की 1,100 वर्ग मीटर भूखंड को केवल 34 करोड़ रुपये में बेच दिया जबकि इसका वास्तविक बाजार मूल्य 125 करोड़ से 150 करोड़ रुपये के बीच होना चाहिए।''
इसके अलावा उन्होंने कहा कि, इस परिसर से सटे मशहूर टायर बाजार और चांदनी चौक के कपड़ा बाजार की छोटी दुकानों की कीमत भी करीब 30-35 करोड़ रुपये है।
जोगी राम जैन ने इन सभी आरोपो को खारिज करते हुए आगे कहा कि, आम आदमी पार्टी को पूरे तथ्यों की जानकारी नहीं है वो बिना तथ्यों के आरोप लगाने का कार्य करते हैं। नॉवल्टी सिनेमा की भूमि फ्ऱी होल्ड पर नहीं दी गई है, निगम ने यह भूमि लीज होल्ड पर दी है जिसका 2.5 प्रतिशत किराया यानी कुल 88 लाख रुपये हर साल निगम को प्राप्त होगा।
इस भूमि का कुल 50 प्रतिशत ही कवर किया जा सकता है और इसका एफ ए आर 125 ही है यानी इसके अनुसार इस भूमि पर केवल करीब ढाई मंजि़ला इमारत ही बनायी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि, 'आप' अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर झूठे आरोप लगा रही है ताकि वह अगले साल होने वाले निगम चुनावों में इसका फायदा ले सके। आम आदमी पार्टी को नागरिकों के हितों से कोई सरोकार नहीं है वो तो बस अपने राजनीतिक एजेंडा को पूरा करना चाहते हैं चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी नया झूठ क्यों न बोलना पड़े।


