मांगों को लेकर इंडियन ऑयल ऑफिसर्स एसोसिएशन कर्मचारी करेंगे व्यापक प्रदर्शन
भारत सरकार द्वारा तृतीय वेतन संशोधन समिति में बड़े पैमाने पर कटौती के साथ-साथ वास्तविक मांग को स्वीकार नहीं किए जाने पर इंडियन ऑयल ऑफिसर्स एसोसिएशन के बैनर तले कर्मचारी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है
नोएडा। भारत सरकार द्वारा तृतीय वेतन संशोधन समिति में बड़े पैमाने पर कटौती के साथ-साथ वास्तविक मांग को स्वीकार नहीं किए जाने पर इंडियन ऑयल ऑफिसर्स एसोसिएशन के बैनर तले कर्मचारी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान आगे की रणनीति तैयार की गई।
इनका साथ पीएसयू और तेल क्षेत्र के अन्य संगठन भी दे रहे है। जाहिर है कि यदि आंदोलन हुआ तो देश की ऊर्जा आपूर्ति को अपंग कर दिया था। इंडियन ऑयल ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक के रॉय ने बताया था कि हम विरोध को ऐसे तरीके से करने जा रहे हैं जिससे आम जनता को कम से कम असुविधा हो व राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर न्यूनतम असर पड़े। मंगलवार को विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गेट मीटिंग से हुई। 5 सितंबर को काला फीता बांधकर विरोध किया जाएगा। इसके बाद 12 सितंबर व्यापक स्तर पर विरोध होगा। बताते चले कि एसोसिएशन में 70 प्रतिशत ऐसे लोग है जिन्होंने 13,86,000 करोड़ रुपए का समेकित राजस्व दिया है।
आलोक के रॉय ने बताया कि हमारा प्रदर्शन विभिन्न मांगों के लिए होगा। जिसमे तृतीय पीआरसी सिफारिशों के अनुरूप पोस्ट रिटायर्मेंट लाभ से बढ़ी हुई ग्रैच्युटी को बाहर रखा जाए। तृतीय पीआरसी सिफारिशों के अनुरूप स•ाी सेवानिवृत्त लोगों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पोस्ट रिटायरमेंट चिकित्सा सुविधा के तहत पीबीटी के 1.5 प्रतिशत कोष के उपयोग को उन सेवानिवृत्त कार्मिकों तक प्रतिबंधित नहीं करना जो दिनांक एक जनवरी 2007 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। तृतीय पीआरसी सिफारिशों के अनुरूप थी और सुविधाओं का आईडीए (औद्योगिक डीए) के साथ लिंक किया जाना। कंपनी स्वामित्व वाली आवास से संबंधित गैर-मौद्रिक ला•ों पर 50 प्रतिशत आयकर देयता कों से हटाना। प्रत्येक 3 वर्षों के बाद सामर्थ्य संबंधी खण्ड और इसकी समीक्षा को हटाना। उन्होंने बताया कि यदि जल्द ही हमारी मांगों पर सुनवाई नहीं की गई तो ऊर्जा के एक बड़ी आपूर्ति अंपग हो सकती है।


