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एनसीडब्ल्यूए-10 की विसंगतियों को दूर करने होगा देशव्यापी आंदोलन

श्रम कानून और कोल इंडिया के स्थापित कानून का उल्लंघन एसईसीएल सबसे ज्यादा करती है

एनसीडब्ल्यूए-10 की विसंगतियों को दूर करने होगा देशव्यापी आंदोलन
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कोरबा। श्रम कानून और कोल इंडिया के स्थापित कानून का उल्लंघन एसईसीएल सबसे ज्यादा करती है। एसईसीएल में श्रमिक विरोधी नीतियों को लागू कर नियम, कानून को दर किनार किया जाता है। एसईसीएल में सामूहिक सौदेबाजी होती है। एनसीडब्ल्यूए-10 के विसंगतियों को दूर करने कोयला मजदूर सभा द्वारा देशव्यापी आंदोलन का शंखनाद एक नवंबर से किया जाएगा।

कोयला मजदूर सभा के महामंत्री नाथूलाल पाण्डेय ने प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि कोयला उद्योग को बुलंदियों तक ले जाने में सालों से काम कर रहे कोल कर्मियों व ठेका मजदूरों का योगदान है। एसईसीएल ने उनके योगदान से मशीनें खरीदी, मजदूरों की तनख्वाह बढ़ाई, बोनस दिया। इसके अलावा अधिकारियों ने छुपी हुई चोरियां की। इसके बावजूद कोल इंडिया 66 हजार करोड़ सरप्लस पर है। कोल इंडिया के 25 प्रतिशत शेयर बिक चुके हैं। यह शेयर अधिकांश विदेशी व एनआरआई के पास है। कंपनी एक्ट में लाभ का लाभांश देने का नियम है। एक शेयर होल्डर कर्मचारी भी है लेकिन कर्मचारियों को लाभांश नहीं देकर विदेशी व एनआरआई शेयर धारकों को लाभांश दिया जाता है।

41 हजार करोड़ रुपए का लाभांश कोल इंडिया ने सरकार के दबाव में दिया है जिसमें से 20 प्रतिशत शेयर धारकों को 8200 करोड़ का लाभांश दिया गया। श्री पाण्डेय ने कहा कि औद्योगिक प्रदूषण के लिए एसईसीएल लाभ का 10 प्रतिशत सीएसआर मद के रूप में व क्षेत्र के विकास के लिए देकर एसईसीएल कोई एहसान नहीं करती, वह केवल कर्मचारियों व आम जनता को उनका अधिकार देती है। श्री पाण्डेय ने कहा कि एनसीडब्ल्यूए-10 में काफी विसंगतियां हंै जिसमें मजदूर सभा ने हस्ताक्षर नहीं किया है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। इस बैठक का मैच फिक्स था।

मजदूर विरोधी निर्णय लेने के बाद केक काटकर जश्न मनाया गया। एनसीडब्ल्यूए-10 की विसंगतियों में संडे ड्यूटी बंद करना, अनुकंपा नियुक्ति बंद करना समेत अन्य मजदूर विरोधी बिन्दु शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 13 लाख मजदूर हंै। रेलवे में अनफिट होने पर अनुकंपा नियुक्ति तत्काल परिवार के आश्रित को प्रदान किया जाता है लेकिन एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति बंद करने की मुहिम चलाई जा रही है। धीरे-धीरे अनुकंपा नियुक्ति देना बंद किया जा रहा है। लिस्ट बनाकर रोस्टर के आधार पर वेकेंसी होने पर नौकरी दी जा रही है और इसके लिए हवाला सुप्रीम कोर्ट का दिया जा रहा है। प्रेस वार्ता में मजदूर नेता रेशमलाल यादव सहित अन्य श्रमिक नेता उपस्थित थे।


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