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राकांपा के बागी विधायक मणि सी. कप्पन बनाएंगे नई पार्टी, जल्द करेंगे ऐलान

 केरल के बागी राकांपा विधायक मणि सी. कप्पन ने सोमवार को एक 10-सदस्यीय समिति का गठन कि

राकांपा के बागी विधायक मणि सी. कप्पन बनाएंगे नई पार्टी, जल्द करेंगे ऐलान
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तिरुवनंतपुरम। केरल के बागी राकांपा विधायक मणि सी. कप्पन ने सोमवार को एक 10-सदस्यीय समिति का गठन किया। इस समिति को एक नई पार्टी बनाने, इसका नाम तय करने और पार्टी निशान के बाबत निर्णय लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई। कप्पन को एक सप्ताह के अंदर समिति से परिणाम की उम्मीद है। राकांपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कप्पन की अध्यक्षता में समिति की एक बैठक जल्द ही प्रदेश की राजधानी में आयोजित की जाएगी और उम्मीद है कि हम दो सप्ताह के अंदर राज्य के पदाधिकारियों के नाम पर भी अंतिम निर्णय ले लेंगे।

गौरतलब है कि रविवार को कप्पन ने यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी और इसके तुरंत बाद एक नई पार्टी शुरू करने का निर्णय लिया गया।

पिछले हफ्ते राकांपा की केरल इकाई, जो फिलहाल सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की सहयोगी है, में उस समय दो फाड़ हो गया जब कप्पन ने एलडीएफ से अलग होने के अपने फैसले का ऐलान किया।

रविवार को वह विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला के नेतृत्व में एक रैली के दौरान कांग्रेस की अगुआई वाले यूडीएफ में शामिल हुए। कोट्टायम जिलान्तर्गत पाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के यूडीएफ के सभी वरिष्ठ नेताओं ने कप्पन का स्वागत किया।

इस अवसर पर मौजूद सभी नेताओं ने माकपा नेतृत्व द्वारा उस समझौते की आलोचना की जिसमें एक ऐसी पार्टी के लिए कप्पन को दरकिनार करने की कोशिश की गई जिसे उन्होंने 2019 के उपचुनाव में हराया था।

शनिवार को दिल्ली से आने के बाद कप्पन ने बड़ी बेबाकी से अपनी बात कही। दिल्ली में उन्होंने राकांपा की प्रदेश इकाई में अन्तर्कलह के मद्देनजर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पावर से मुलाकात की थी।

केरल में वर्षों से राकांपा वाम दलों की सहयोगी रही है और उसके दो विधायक थे, जिनमें एक राज्य मंत्री भी शामिल था। जबकि, 2019 में उनके मौजूदा विधायकों में से एक की मृत्यु के बाद एक तीसरी सीट खाली है। राकांपा की उम्मीदों को उस समय पर लग गए जब कप्पन ने 2019 में पाला की विधानसभा सीट जीती। इस सीट पर अनुभवी के.एम. मणि 1967 से ही विधायक रहे थे और एक भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे थे। उनकी मृत्यु के बाद यह सीट खाली हो गई थी।

2011 और 2016 में मणि से हारने वाले कप्पन ने 2019 में जीत दर्ज की क्योंकि के.एम. मणि की पार्टी - केरल कांग्रेस (मणि) लोगों की सहानुभूति को भुनाने में विफल रही।


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