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एनसीपी ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह पर लगाया 'झूठ' बोलने का आरोप

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के 'लेटर-बम' के 2 दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को आईपीएस अधिकारी पर 'झूठ बोलने' का आरोप लगाया है

एनसीपी ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
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मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के 'लेटर-बम' के 2 दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को आईपीएस अधिकारी पर 'झूठ बोलने' का आरोप लगाया है। साथ ही वीडियो बयान जारी करके कहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र को लेकर जो घटनाएं हुईं हैं, उनका क्रम भी संदिग्ध है। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मामले को लेकर 'कई' लूपहोल्स हैं और जब तक कि सभी आरोपों की पूरी जांच नहीं हो जाती है, तब तक तो देशमुख के इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता है।"

मलिक ने यह भी कहा कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाने के बाद सिंह ने उन्हें पत्र लिखा था।

मलिक ने कहा, "इसके अलावा पत्र में जो संबंधित तारीखें लिखी गईं हैं, उस समय 1 से 5 फरवरी के बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख विदर्भ के दौरे पर थे। उसके बाद 27 फरवरी को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने तक वे क्वोरंटीन में थे और इलाज करा रहे थे।"

मलिक ने कहा, "उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर कई सवाल हैं। हालांकि, उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, वे गंभीर हैं, इसलिए उनकी पूरी जांच होगी। साथ ही जांच के नतीजे आने तक देशमुख के इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है।"

महा विकास अघाड़ी के अन्य सहयोगी दल शिवसेना और कांग्रेस ने भी यही कहा है कि सिंह का यह पत्र 'सरकार को अस्थिर करने की साजिश' है और इसे केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में आकर लिखा गया था।

राजस्व मंत्री (कांग्रेस) बालासाहेब थोरात ने कहा कि विपक्षी पार्टी भाजपा विभिन्न मंत्रियों को लगातार निशाना बनाती रहती है। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा कि इस मुद्दे ने गठबंधन की छवि खराब करने का काम किया है।

बता दें कि रविवार की देर रात एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, राज्य के एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद तय किया गया था कि इस मामले में देशमुख के पद छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

वहीं विपक्ष को लेकर बात करें तो भाजपा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, महा नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और दल जहां इस मामले पर देशमुख की जमकर आलोचना कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने एमवीए से भाजपा के दबाव में नहीं आने के लिए कहा है।

वंचित बहुजन अगाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर और वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि वे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर इस मुद्दे पर एमवीए सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।

बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह के शनिवार को यह कहते ही बवाल मच गया कि देशमुख ने निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे से मुंबई के रेस्तरां, बार, पब आदि से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था। वाजे वही अधिकारी हैं जिन्हें एसयूवी मामले में गिरफ्तार किया गया है।


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