Top
Begin typing your search above and press return to search.

एनसीईआरटी को जल्द छात्रों को डिग्री देने का अधिकार मिलेगा

 राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) को अब जल्द ही छात्रों को डिग्री प्रदान करने का अधिकार मिल जाएगा

एनसीईआरटी को जल्द छात्रों को डिग्री देने का अधिकार मिलेगा
X

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) को अब जल्द ही छात्रों को डिग्री प्रदान करने का अधिकार मिल जाएगा। एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति ने बताया कि एनसीईआरटी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की तरह राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा जल्द ही मिलने वाला है और यह दर्जा प्राप्त करते ही उसे छात्रों को डिग्रियां प्रदान करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके अलावा छात्र अब यहां से एम फिल और पीएचडी भी कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और विधि मंत्रालय ने इस संबंध में एक विधेयक का आरंभिक प्रारूप भी तैयार कर लिया है। अब उसे सम्बद्ध मंत्रालयों को भेजा गया है, जिनकी टिप्पणी आने के बाद प्रस्तावित विधेयक का अंतिम रूप तैयार हो जाएगा और उसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलते ही इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा।

सेनापति ने आशा व्यक्त की कि संसद के शीतकालीन सत्र में अगर यह विधेयक पेश नहीं किया जा सका तो अगले वर्ष बजट सत्र में इसे अवश्य ही पेश कर दिया जाएगा तथा अगले शैक्षणिक सत्र से छात्रों को डिग्रियां मिलने का काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलने से एनसीईआरटी की गुणवत्ता भी बढ़ जाएगी क्योंकि फिलहाल उसके क्षेत्रीय संस्थानों को राज्यों के विश्वविद्यालयों से जोड़ा गया है। इसके कारण उसे अभी अपेक्षित गुणवत्ता हासिल नहीं है और नये तरह के कार्यक्रम भी शुरू नहीं हो पा रहे हैं।

सेनापति ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलने से एनसीईआरटी में शोध कार्य और बेहतर हो सकेगा। यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलने से क्या इसका सरकारी फंड बढ़ जाएगा और शिक्षकों तथा कर्मचारियों के वेतनमान में कोई वृद्धि हो पाएगी, श्री सेनापति ने कहा कि इससे हमारे फंड में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। अभी हमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अनुदान मिलता ही है और फंड की हमें फिलहाल कोई कमी नहीं है लेकिन यदि अधिक फंड की जरूरत हुई तो हमें लगता है कि फंड जरूर मिल जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि एनसीईआरटी के कर्मचारियों और शिक्षकों की सेवा शर्तें वहीं रहेंगी और उनके वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं होगी। पिछले दिनों एनसीईआरटी के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़कर 65 वर्ष हो गयी है।

उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी के पास एक विश्वविद्यालय की तरह सभी तरह का बुनियादी ढांचा और सुविधाएं तथा उच्च गुणवत्ता वाली फैकल्टी पहले से ही मौजूद है। इसलिए सरकार को इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। गौरतलब है कि जब एनसीईआरटी की स्थापना के पचास वर्ष पूरे हुए थे तभी इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाने का मामला उठा था लेकिन कई वर्षों तक यह प्रस्ताव मंत्रालय में लम्बित रहा और अब प्रकाश जावड़ेकर के मानव संसाधन विकास मंत्री बनने के बाद इस प्रस्ताव को अंजाम दिया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it