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ड्रग तस्करी से प्रभावी ढंग से निपटने को एनसीबी का होगा 'पुनर्गठन'

देश में मादक पदार्थो की तस्करी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के "गवर्नेंस आर्किटेक्चर" को "नया स्वरूप" देने की योजना बना रही है

ड्रग तस्करी से प्रभावी ढंग से निपटने को एनसीबी का होगा पुनर्गठन
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नई दिल्ली। देश में मादक पदार्थो की तस्करी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के "गवर्नेंस आर्किटेक्चर" को "नया स्वरूप" देने की योजना बना रही है।

आईएएनएस के पास मौजूद एक सरकारी दस्तावेज से पता चलता है कि गृह मंत्रालय इस योजना पर काम कर रहा है और इसमें सुधार संबंधी एक प्रस्ताव विचाराधीन है।

दस्तावेज के मुताबिक, प्रस्ताव का उद्देश्य एनसीबी की "गवर्नेंस आर्किटेक्चर" को "नया स्वरूप" देना, जांच करने व खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमता बढ़ाना, इसे और अधिक पेशेवर व प्रभावी बनाना है।

इसके पुनर्गठन की योजना के साथ-साथ गृह मंत्रालय सात प्रमुख बिंदुओं पर बदलाव पर विचार कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस बदलाव से 17 मार्च, 1986 को स्थापित संगठन की क्षमता में वृद्धि होगी। शीर्ष दवा कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के कार्यों के समन्वय के लिए इसका गठन किया गया था।

प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद एनसीबी के पास मादक द्रव्यों के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक तकनीकी अवसंरचना, कानूनी विशेषज्ञता और पर्याप्त जनशक्ति होगी।

स्तर 15 तक विभिन्न ग्रेडों में 3,689 पदों का सृजन एनसीबी को नया स्वरूप देने के लिए उठाए जाने वाले कदमों में से एक है। इस कदम के साथ इसकी ताकत 1,107 से बढ़कर 4,751 हो जाएगी।

इस कदम के तहत एनसीबी के लिए चार नए क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की योजना है। इससे यह संख्या बढ़कर सात हो जाएगी।

प्रस्ताव में 17 नए जोनल कार्यालय बनाने और सभी मौजूदा 12 उप-क्षेत्रीय कार्यालयों को जोनल कार्यालयों में अपग्रेड करने की योजना है। फील्ड ऑफिसों की संख्या बढ़ाकर (13 मौजूदा क्षेत्रीय कार्यालयों सहित) 42 तक करने की भी योजना है।

प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही एनसीबी को ड्रग्स की पहचान करने के लिए एक कैनाइन विंग भी प्रदान किया जाएगा।

ड्रग तस्करों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आधुनिक तकनीकी विधियों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए ड्रग इंटेलिजेंस यूनिट को और अधिक प्रभावी बनाने तथा साइबर तकनीकी सेल को अधिक समुन्नत करने की योजना भी है। इन परिवर्तनों से एनसीबी की दक्षता को बढ़ाने की योजना बनाई गई है।

सूत्रों ने कहा कि एनसीबी के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने पिछले साल ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए गृह मंत्रालय को एक विस्तृत नोट प्रस्तुत किया था ताकि एजेंसी को बेहतर बनाया जा सके।

एनसीबी पिछले साल कई महीनों से खबरों में है क्योंकि इसने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ड्रग मामले की जांच शुरू की थी। वह पिछले साल 14 जून को मुंबई में अपने फ्लैट में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे।


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