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बस्तर में नक्सली तो कोरबा में हाथियों से खत्म हो रहे आदिवासी:कंवर

आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ प्रदेश आदिवासियों की उपेक्षा से कराह रहा

बस्तर में नक्सली तो कोरबा में हाथियों से खत्म हो रहे आदिवासी:कंवर
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कहा- हाथी के मरने की चिन्ता, आदिवासियों के मरने की नहीं
रामपुर विधायक की अगुवाई में कांग्रेस ने दिया धरना

कोरबा। आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ प्रदेश आदिवासियों की उपेक्षा से कराह रहा है। बस्तर से लेकर सरगुजा तक आदिवासियों को समूल नष्ट करने की साजिश रची जा रही है। बस्तर में नक्सलियों की वजह से आदिवासी हाशिए पर हैं तो कोरबा समेत दूसरे 17 जिलों में हाथियों के हमले से आदिवासी खत्म हो रहे हैं।

यह बातें रामपुर विधायक श्यामलाल कंवर ने हाथियों से प्रभावित ग्रामीणों की समस्या के स्थाई निराकरण को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कोरबा व करतला के द्वारा रिसदी चौक में आयोजित धरना प्रदर्शन में कही। श्री कंवर ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस मामले को कई बार उठाया जा चुका है परंतु छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार को ग्रामीण किसानों के हाथियों से होने वाली समस्या से कोई वास्ता नहीं। जब एक हाथी मरता है तो पूरा शासन-प्रशासन देखने दौड़ पड़ता है किंतु आदिवासी मर रहे हैं तो किसी को चिन्ता नहीं। ग्राम बेला में एक आदिवासी किसान ने अपने मकान, अनाज और परिवार की सुरक्षा के लिए फेंसिंग किया था, जिसकी जद में आकर एक हाथी की मौत हो गई। अब उस आदिवासी को वन विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है। आत्मरक्षा करना क्या गुनाह है? श्री कंवर सहित जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष श्रीमती उषा तिवारी एवं वक्ताओं ने हाथियों के हमले से हो रही मौतों के लिए सीधे-सीधे शासन को जिम्मेदार बताकर पीड़ित परिवार के 1 सदस्य को शासकीय नौकरी व 15 लाख रूपए मुआवजा देने, घर तोड़ने पर प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत राशि के बराबर मुआवजा, खेत नुकसानी पर 25000 मुआवजा, ठण्डे बस्ते में डाल दी गई हाथी अभ्यारण्य योजना को लागू करने सहित वर्तमान कोरबा वनमंडलाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की गयी। धरना प्रदर्शन में कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष कोरबा अजीत दास महंत, अध्यक्ष करतला राधेश्याम राठिया, करतला जनपद अध्यक्ष धनेश्वरी कंवर, जिला महामंत्री घासीगिरी गोस्वामी, प्रवक्ता कोरबा मो. आवेश कुरैशी, सुनील गुप्ता, धर्मराज अग्रवाल, सुमित वर्मा, सैय्यद अहमद अली, राम चन्द्र राजवाड़े, उस्मान कुरैशी, हृदय शंकर यादव, अभिषेक शर्मा, हरीश चंद्र यादव, सुखसागर दास, अरुण सोनी, अनवर मेमन, इमरान कुरैशी, इरफान कुरैशी, भगत राम राठिया, रामायण सिंह, ओमप्रकाश यादव, हरि सिंह राठिया, गुप्ता सिंह, बंधुराम, उमेश चौधरी, विजय लकड़ा, ईश्वर तिर्की, शिवराज राठिया, शंकर राठिया, वीरेंद्र मरावी, अमरजीत कुजूर, भुवन सिंह राठिया, निकोलस एक्का, शोभी राम कंवर, मोती महिलांगे, मुन्ना राठिया, दुखी राम, अर्जुन राठिया, डमरू राठिया, पतिराम, धनसाय, कृष्णा खैरवार, बुधवार सिंह कंवर, जगलाल राठिया सहित हाथियों से प्रभावित गांवों के सैकड़ों रहवासी शामिल हुए।

भाजपा को वोट नहीं देने का लिया संकल्प
विधायक श्री कंवर ने कहा कि वनमंडलाधिकारी कोरबा के कार्यकाल में 4 माह में 8 लोग मारे गए, दर्जनों घर हाथियों ने तोड़ दिया वहीं एक हाथी करंट से चिपक कर मारा गया, इसके लिए वनमंडलाधिकारी कोरबा को जिम्मेदार बताया गया।
धरना प्रदर्शन बाद नायब तहसीलदार को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। धरना उपरांत उपस्थित ग्रामीणों को मंच से संकल्प दिलाया गया कि भविष्य में वह और उनके परिवार के द्वारा आज के बाद भाजपा के सांसद, जनपद, सरपंच आदि पद के प्रत्याशियों को वोट नहीं दिया जाएगा। इस संकल्प की जिले के राजनैतिक गलियारे में काफी सरगर्मी है।

उड़ गई विकास की चिड़िया
धरना स्थल पर उपस्थित कांग्रेसजन व ग्रामीणों के द्वारा उड़ गई विकास की चिड़िया और विकास की खोज सहित अन्य तरह के नारे लिखे पोस्टर, बैनर लहराये जा रहे थे। इन बैनर व पोस्टर ने रास्ते से गुजर रहे लोगों को भी अपनी ओर आकृष्ट किया। वक्ताओं ने पूरे प्रदेश खासकर ग्रामीण अंचलों की उपेक्षा करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया।


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