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नोटबंदी, जीएसटी क्रियान्वयन से निचले तबके को सर्वाधिक नुकसान : शत्रुघ्न

जीएसटी के क्रियान्वयन तथा नोटबंदी को ‘विनाशकारी’ करार देते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान समाज के निचले तबके का हुआ है जिनका रोजगार और कारोबार चौपट हो गया

नोटबंदी, जीएसटी क्रियान्वयन से निचले तबके को सर्वाधिक नुकसान : शत्रुघ्न
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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन तथा नोटबंदी को ‘विनाशकारी’ करार देते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान समाज के निचले तबके का हुआ है जिनका रोजगार और कारोबार चौपट हो गया।

श्री सिन्हा ने काँग्रेस नेता एवं पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की पुस्तक “टाइडिंग्स ऑफ ट्रबल टाइम्स” के विमोचन के मौके पर यहाँ यह बात कही।

उन्होंने कहा कि पुस्तक में इस बात का वास्तविक चित्रण है कि मोदी सरकार में लोकतंत्र किस तरह खतरे में है। साथ ही इसमें कई भारतीय राजनेताओं और राजनीतिक इतिहास की घटनाओं की वास्तविक स्थिति पेश की गई है। मजबूत विपक्ष को लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण बताते हुये श्री सिन्हा ने काँग्रेस की सराहना की और कहा कि उसमें प्रतिभावान लोग बड़ी संख्या में मौजूद हैं जबकि भाजपा हमेशा ऐसे लोगों की तलाश में रहती है।

राम मंदिर विवाद और 2019 के चुनाव में इसे मुद्दा बनाये जाने के सवाल पर श्री सिन्हा ने कहा कि 2019 के चुनावों में विकास ही मुख्य मुद्दा होगा तथा राम मंदिर विवाद का निपटारा सभी संबद्ध पक्षों द्वारा सौहार्द्रपूर्ण ढँग से किया जाना चाहिए।

जनता दल (यूनाइटेड) नेता एवं भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी पवन वर्मा ने कहा कि इस पुस्तक में देश की अर्थव्यवस्था समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि समय के साथ किस प्रकार देश में कारोबार करना आसान हुआ है। साथ ही पुस्तक इस बात को भी रेखांकित करता है कि लोकतंत्र सिर्फ मतदान से नहीं बल्कि संस्थानों की मजबूती से फलता-फूलता है।

श्री तिवारी ने कहा कि उनकी किताब में किसी भी बात को बढ़ाचढ़ा कर पेश नहीं किया गया है। इसमें पिछले 41 महीने में लोकतंत्र के नाम पर की जा रही गलतियों को उजागर किया गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान ऐसी बातें होती रही हैं कि “यदि आप हमारे साथ नहीं हैं तो आप हमारे खिलाफ हैं” जो नहीं होना चाहिए।

उन्होंने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा आपातकाल लागू किए जाने को गलत करार देते हुए कहा कि इस पर खेद व्यक्त किया जा चुका है और हमें अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिये ताकि भविष्य में उन्हें दुहराने से बचा जा सके।


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