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नक्सल प्रभावित पुंदाग के ग्रामीणों ने उठाई विस्थापन की मांग

झारखंड सरहद से लगे बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित पुंदाग के ग्रामीणों ने किसी अन्यत्र स्थान पर बसाने की मांग शुरू कर दी है।

नक्सल प्रभावित पुंदाग के ग्रामीणों ने उठाई विस्थापन की मांग
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बलरामपुर। झारखंड सरहद से लगे बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित पुंदाग के ग्रामीणों ने किसी अन्यत्र स्थान पर बसाने की मांग शुरू कर दी है। रविवार को पुंदाग के पूर्व सरपंच बच्चू सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय बलरामपुर पहुंचकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर अपनी भावनाओं से अवगत कराया। पुंदाग के ग्रामीणों को दावा था कि झारखंड सरकार ने पुंदाग से लगे झारखंड की बस्ती के रहवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करा दिया है।

यही व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से यदि उनके लिए हो जाए तो उन्हें भी राहत मिलेगी। पुलिस व प्रशासन की पहुंच होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुंदाग के रहवासी आशंकित हैं। झारखंड सरहद से लगा बलरामपुर जिले का चुनचुना-पुंदाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इस इलाके को पूर्व में नक्सलियों की शरणस्थली के रूप में जाना जाता था। कालांतर में परिस्थितियां बदली, पुलिस और प्रशासन की पहुंच हो जाने से बुनियादी सुविधाओं का विस्तार भी होने लगा था।

वर्तमान में बारहमासी आवागमन सुविधा के लिए सड़क का निर्माण भी कराया जा रहा है। इसके बावजूद सुरक्षा को लेकर यहां के रहवासी आशंकित हैं। इस आशंका को झारखंड सरकार की एक पहल ने और बढ़ा दिया है। रविवार को पुंदाग के पूर्व सरपंच पच्चू सिंह के नेतृत्व में जिला मुख्यालय बलरामपुर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि पुंदाग से लगा झारखंड का बूढ़ापहाड़ है।

यहां नक्सलियों के खिलाफ अक्सर आपरेषन चलाया जाता है। पुंदाग से लगे झारखंड के झाउलडेरा बस्ती के 50 से अधिक लोगों को झारखंड सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर झारखंड के मतगड़ी मं शिफ्ट करा दिया जाए। बड़ी संख्या में झारखंड पुलिस व सुरक्षा बल के जवानों ने झारखंड के उक्त बस्ती में रहने वाले लोगों को अपने साथ ले जाकर सुरक्षित तरीके से नए स्थान पर बसा दिया है।

पुंदाग के लोगों का कहना है कि झारखंड सरकार की ओर से कथित रूप से विस्थापित परिवारों को आवास सुविधा दी जा रही है। और जमीन देने का भी वादा किया गया है। पुंदाग के रहवासियों की मांग झारखंड सरकार के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भी उन्हें भी किसी नए स्थान पर मकान, जमीन देकर बसाने की है। इसी मांग को लेकर ग्रामीणों ने रविवार को पुलिस अधीक्षक टीआर कोषिमा से मुलाकात की और अपनी भावनाओं से अवगत कराया। इस दौरान उस्मान, मुस्ताक अंसारी, युसूफ अंसारी, फिरोज, मेराज, कमिउल्लाह, टुल्लू, कोरवा शमीउल्ला, रमन सहित बड़ी संख्या में गांव वाले शामिल थे।

बलरामपुर कलेक्टर से मुलाकात नहीं होने के कारण रविवार की रात वहीं पर गुजारने का निर्णय गांव वालों ने लिया था। ग्रामीणों ने कहा िकवे कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी भावनाओं से अवगत कराएंगे।

लोक सुराज शिविर आयोजित नहीं
पुंदाग के रहवासियों का कहना है कि चुनचुना-पुंदाग क्षेत्र में षासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भी अब लापरवाही बरती जा रही है। इस वर्ष लोक सुराज अभियान के तहत मांगों,समस्याओं का आवेदन लेने पुंदाग में कोई षिविर भी नहीं लगाया गया। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, वे गांव में आए ही नहीं, जिससे वे मांगों, समस्याओं से संबंधित अपना आवेदन भी नहीं दे सके हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जिन अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लोक सुराज के लिए लगाई गई थी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

लगभग दो माह पहले भी सौंपा था ज्ञापन
बीते 6 दिसंबर 2017 को भी पुंदाग के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय बलरामपुर पहुंचकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। इलाके में नक्सलियों की आमदरफ्त के कारण गांव वाले सुरक्षा को लेकर भयभीत रहते हैं। पिछली बार पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को ग्रामीणों ने बताया था की उनकी आजीविका झारखंड की ओर से चलती है, लेकिन झारखंड के क्षेत्र से दैनिक उपयोग की सामग्री लाने पर भी दिक्कत हो रही है। ऐसे में उनके लिए ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे वे शांतिपूर्वक व सुरक्षित ढंग से जीवनयापन कर सकें।

उस दौरान ही उचित कार्रवाई का भरोसा दिया गया था, लेकिन अब पुंदाग के रहवासियों ने नए स्थान पर बसाने की मांग शुरू कर दी है। पुंदाग के कुछ ग्रामीण मुझसे मुलाकात करने आए थे। उनका कहना था कि पूर्व में भी उन्होंने अपनी भावनाओं से अवगत कराया था। ग्रामीणों की ओर से जो जानकारी दी गई है, उसका परीक्षण कराया जाएगा। क्षेत्र में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किये गए है।


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