अगले 15 वर्षो में घरेलू स्तर पर बनाए जाएंगे नौसेना के उपकरण : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण की ओर आगे बढ़ रही है

चेन्नई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण की ओर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अगले 15 वर्षो में नौसेना के उपकरणों और प्रणालियों का घरेलू स्तर पर निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा। सिंह ने यहां इंडियन कोस्ट गार्डशिप (आईसीजीएस) के जहाज 'वराह' के जलावतरण से संबंधित कार्यक्रम में कहा कि भारतीय नौसेना की स्वदेशीकरण योजना 2015-2030 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में तैयार किया गया है।
सिंह ने कहा कि युद्धपोत निर्माण शुरू करने के लिए शिपयार्ड के संबंध में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि 1972 में आईएनएस नीलगिरि को शुरू करने के बाद से स्वदेशी युद्धपोतों के निर्माण में काफी लंबा समय बीत चुका है।
सिंह ने कहा कि स्वच्छ महासागर देश की आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षकों ने 'स्वच्छ भारत अभियान' की तर्ज पर 'स्वच्छ सागर अभियान' शुरू किया है, जो एक सराहनीय कदम है।
सिंह ने कहा कि वराह जहाज में प्रदूषण को खत्म करने वाले उपकरण ले जाने की क्षमता है।
इस दौरान रक्षा मंत्री ने नौसेना उपकरणों के विकास के लिए उद्योगों से निवेश करने का आग्रह भी किया। सिंह ने कहा कि दुनिया के कई देश तेज मारक क्षमता वाले जहाजों से लेकर विमानवाहक जैसे कई तरह के युद्धपोत नहीं बना सकते हैं।
'वराह' समुद्र में गश्ती जहाज (ओपीवी) के सात जहाजों की श्रृंखला में चौथे स्थान पर है। इसे कर्नाटक के न्यू मैंगलोर में तैनात किया जाएगा।
यह 98 मीटर लंबा जहाज लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह एक दोहरे इंजन वाले हेलिकॉप्टर के साथ ही चार उच्च गति वाली नौकाओं को अपने साथ लेकर जा सकता है।
भारतीय तटरक्षक के पास 142 जहाजों और नौकाओं के साथ ही 62 विमानों का बेड़ा है।
एक बयान में कहा गया कि भारत के विभिन्न शिपयार्डो में 65 जहाजों का निर्माण जारी है। इसके साथ ही 16 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु में निर्माणाधीन हैं।


