Top
Begin typing your search above and press return to search.

हौसलों के उड़ानों को पंख लगाते हुए नव प्रेरणा नि:शुल्क कोचिंग सेंटर

गढ़बो नवा छ.ग. के सपनों को साकार करती जिला प्रशासन की पहल

हौसलों के उड़ानों को पंख लगाते हुए नव प्रेरणा नि:शुल्क कोचिंग सेंटर
X

बलौदाबाजार। कलेक्टर सुनील कुमार जैन के विशेष प्रयासों से संचालित हो रहें नव प्रेरणा नि:शुल्क कोचिंग सेंटर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारियों में लगें युवाओं को एक नई रोशनी दिखा रही है। आज यह सेंटर बहुत ही कम समय मे प्रतियोगी परीक्षा के तैयारी में लगें हुए छात्रों के हौसलों के उड़ानों को पंख लगा रहें है। कोचिंग का संचालन जिला मुख्यालय स्थित रघुनाथ प्रसाद केसरवानी बुनियादी प्राथमिक शाला में हो रहीं है। जहां पर छात्रों को संघ लोक सेवा छत्तीसगढ़ लोक सेवा एवं व्यापमं जैसे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारियां की जा रही है। यहां पर वर्तमान में 120 छात्र अध्ययनरत है। जिसमें न केवल जिला मुख्यालय बल्कि दूर दराज जैसे कसडोल, भाटापारा, पलारी विकासखण्ड के बहुत से गावों के छात्र प्रतिदिन सुबह यहां पढऩे आतें है।

कोचिंग की लोकप्रियता अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक 400 से अधिक लोगों ने अपना पंजीयन कराया है साथ ही यह प्रकिया निरंतर जारी है। परन्तु सीट की संख्या सीमित होने के चलते बाकी छात्रों को वेटिंग में रखा गया है। लोकप्रियता, जनप्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों एवं छात्रों के मांग को देखतें हुए आने वाले समय मे डबल बैच की तैयारियां की जा रही है। वर्तमान समय मे सुबह 9 से लेकर 12 बजें तक कक्षाओं का संचालन हो रहा है। इस कोचिंग के संचालन हेतु 10 शिक्षकों का चयन किया गया है। जो बेहद अनुभवी है। इस बात का यह प्रमाण है कि कोचिंग में पढ़ाने वालों शिक्षको में एक शिक्षक रंजना तिवारी का चयन सीजीपीएससी 2019 में छत्तीसगढ़ अधीनस्थ लेखा सेवा में हुआ है। उन्होंने 55 वां रैक हासिल की है। जिला प्रशासन द्वारा कोचिंग में सुविधाओं गुणवत्ता एवं अनुशासन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कोई भी छात्र बिना कारण लगातार 3 दिनों तक अनुपस्थित रहनें पर दूसरे छात्रों को मौका देने तक का प्रावधान रखा गया है। ताकि छात्र नियमित रूप से क्लास आये। साथ ही प्रत्येक सप्ताह टेस्ट एवं ग्रुप डिस्कशन का प्रावधान किया गया है। शिक्षकों के द्वारा टेस्ट में गुणवत्ता निजी कोचिंग एवं पीएससी के तरह ही रखी जा रही है। इसके साथ ही लाइब्रेरी भी जल्द तैयार की जा रही है। कोचिंग में पढऩे कई छात्र बेहद जुनूनी एवं हौसले से भरे हुए है।

पढऩे का जुनून, कठनाई नही बनती बाधा-दिव्यांग राधा निषाद जब पढऩे का जुनून होता है तो कठनाई कभी भी बाधा नही बनती है।

बलौदाबाजार नगर निवासी दिव्यांग छात्र राधा निषाद प्रतिदिन नव प्रेरणा कोचिंग आती है। वह कहती है मैं दिव्यांग हु बाहर बिलासपुर, रायपुर जैसे शहरों में रहकर पढऩा मेरे लिए बहुत ही कठिन है। मेरे पिता जी पेशे से किसान है। पीएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनें में निजी कोचिंग संस्थान कम से कम 40 से 50 हजार रुपये की फीस लगता है। इतनी बड़ी राशि देना हम लोगों के लिए बहुत ही मुश्किल है। पर जिला प्रशासन द्वारा नि:शुल्क व्यवस्था करना काबिले तारीफ है। हम लोग पूरी मेहनत से तैयारियों में जुट गए है और आने वाले समय मे जरूर चयन होकर जिला का नाम गौरवान्वित करेंगे।

सुबह काम फिर पढ़ाई परिस्थिति नही बनती बाधा-सुनीता पैकरा कोचिंग में पढऩे आती ग्राम मगरचबा के निवासी सुनीता पैकरा बताती है। वह बेहद गरीब घर से है। वह प्रतिदिन सुबह 6 से 8 बजें तक दूसरे के घर मे जाकर काम करती है। फिर वह काम करके करीब 5 किलोमीटर सायकिल से कोचिंग में पढऩे आती है। वह आगें बताती है कि मैं अभी अभी ग्रेजुएशन पूरा की हू। अब मैं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहता हूं। पर मेरे घर की आर्थिक स्थित अच्छी नही है। हम बाहर जाकर पढऩे का भी नही सोच सकतें है। जिला प्रशासन द्वारा नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था हम सब गरीबों के लिए बड़ा वरदान जैसा है। हम सब कलेक्टर सुनील कुमार जैन की इस कार्य के जितनी प्रशंसा करें बेहद कम है। हमें कोचिंग में किसी भी प्रकार की तकलीफ नही होती है। यहां के शिक्षक भी बहुत अच्छे है। ऐसे ही एक अन्य छात्र बलौदाबाजार विकासखंड के अंतर्गत ग्राम लटुवा निवासी कुमारी आरती वर्मा ने कहती है कि जिला प्रशासन के इस प्रयास से हम लोगों को एक नयी दिशा मिला। आर्थिक स्थिती ठीक नही होने एवं कोचिंग संस्थानों में भारी भरकम फीस के चलते हम बिलासपुर एवं रायपुर में पढ़ नही पाते है और अपनें सपनों को पूरा नही कर पाते है। पर कलेक्टर सर के द्वारा किया गया प्रयास निश्चित ही एक सराहनीय कदम है। आईएसएस प्रतिष्ठा ममगाईं के विशेष दिशा निर्देश में हो रहा है कक्षाओं का संचालन जिला प्रशासन की ओर से बलौदाबाजार एसडीएम आईएसएस सुश्री प्रतिष्ठा ममगाईं स्वयं कक्षाओं का संचालन को देख रही है। वह लगातार कक्षाओं का निरीक्षण एवं छात्रों से सतत फीड बैक लेते है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it