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तमिलनाडु: 13 मवेशियों को मारने वाला बाघ तीन महीने के बाद पकड़ा गया

तमिलनाडु के गुडालूर वन प्रभाग के अधिकारियों ने तीन महीने के गहन खोज अभियान के बाद एक नर बाघ को सफलतापूर्वक पकड़ लिया

तमिलनाडु: 13 मवेशियों को मारने वाला बाघ तीन महीने के बाद पकड़ा गया
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चेन्नई। तमिलनाडु के गुडालूर वन प्रभाग के अधिकारियों ने तीन महीने के गहन खोज अभियान के बाद एक नर बाघ को सफलतापूर्वक पकड़ लिया।

इस बाघ ने कथित तौर पर देवरशोलाई और आसपास के गांवों में 13 मवेशियों को मार डाला था।

यह जानवर शनिवार सुबह एक खास तौर पर डिजाइन किए गए पिंजरे में चला गया। इसकी उम्र लगभग तीन साल बताई जा रही है।

अधिकारियों ने शिकारी को लुभाने के लिए पिंजरे के अंदर एक मवेशी रखी थी, और बाघ सुबह-सुबह उसमें घुस गया।

यह अभियान मुख्‍य वन्‍यजीव वार्डन राकेश कुमार डोगरा द्वारा अगस्त के पहले हफ्ते में एक आदेश के बाद शुरू किया गया था, क्‍योंकि गांववालों ने बार-बार शिकायत की थी कि एक बाघ छह महीने से मवेशियों को मार रहा है।

इसके जवाब में वन विभाग ने 30 फीट लंबा और 10 फीट ऊंचा एक बड़ा पिंजरा लगाया।

सुरक्षित नियंत्रण के लिए आगे और पीछे के गेट वाली यह संरचना केरल के वायनाड से लाई गई थी और अगस्त के आखिर में लगाई गई थी।

गुडालूर प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) एन. वेंकटेश प्रभु ने कहा कि टीम कई महीनों से जंगल के किनारे की कमजोर जगहों पर कैमरा ट्रैप लगाकर बाघ पर नजर रख रही थी।

उन्होंने कहा कि जानवर की धारियों का पैटर्न उस बाघ से मिलता-जुलता है जिस पर हम नजर रख रहे थे। हमने जानवर को बेहोश नहीं किया है और वह अभी काफी फुर्तीला है। टीम उसे शांत करने की कोशिश कर रही है।

डीएफओ के मुताबिक, अगला तात्‍कालिक कदम बाघ को बड़े जाल पिंजरे से निकालकर एक छोटे परिवहन पिंजरे में शिफ्ट करना है, जैसा कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशा-निर्देश में अनिवार्य है।

उन्होंने आगे कहा कि स्‍थानांतरण एक अधिकृत निगरानी टीम की उपस्थिति में किया जाएगा, जिसमें एनजीओ के प्रतिनिधि और एक वार्ड पार्षद शामिल होंगे।

एक बार सुरक्षित तरीके से ले जाने के बाद बाघ को इंसानों की बस्तियों से दूर, आरक्षित वन क्षेत्र में ले जाया जाएगा।

इस बीच, मौके पर थोड़ी देर के लिए तनाव बढ़ गया जब मीडिया वालों ने आरोप लगाया कि फॉरेस्ट अधिकारियों ने उन्हें अभियान की तस्वीरें या वीडियो लेने की इजाजत नहीं दी। बताया जा रहा है कि राजस्‍व और पुलिस के कर्मचारी मौजूद थे और उन्हें अंदर जाने दिया गया, लेकिन वन विभाग ने इस महत्‍वपूर्ण स्‍थानांतरण चरण के दौरान जानवर को परेशान न करने के लिए उस जगह पर सख्त पाबंदियां लगा रखी थीं।


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