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कर्नाटक : बेंगलुरु से जापान पहुंचे चार हाथी, वन मंत्रालय ने बताया ऐतिहासिक

बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (बीबीपी), बेंगलुरु ने जानकारी दी कि चार हाथियों को जापान के हिमेजी सेंट्रल पार्क में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया

कर्नाटक : बेंगलुरु से जापान पहुंचे चार हाथी, वन मंत्रालय ने बताया ऐतिहासिक
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  • बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान से 4 हाथी सफलतापूर्वक जापान पहुंचे

बेंगलुरु। बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (बीबीपी), बेंगलुरु ने जानकारी दी कि चार हाथियों को जापान के हिमेजी सेंट्रल पार्क में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया। यह इसके इतिहास में एक अभूतपूर्व उपलब्धि और अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीव सहयोग में एक मील का पत्थर है।

वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) के डॉ. सुनील पंवार ने इसके लिए आभार व्यक्त किया।

कई विभागों के अथक प्रयासों से संभव हुआ हाथियों का स्थानांतरण: वन मंत्रालय

उन्होंने कहा, "यह जटिल और संवेदनशील पशु विनिमय कार्यक्रम भारत और जापान के विभिन्न विभागों, संस्थानों और व्यक्तियों के सामूहिक प्रयासों, समन्वय और समर्पण से संभव हुआ है। हम मुख्य वन्यजीव वार्डन और कर्नाटक वन विभाग को आवश्यक अनुमति प्रदान करने और जानवरों के सुचारू स्थानांतरण के लिए उनके अटूट समर्थन के लिए भी धन्यवाद देते हैं। अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव व्यापार नियमों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सीआईटीईएस परमिट जारी करने में सहायता के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।"

बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान के कर्मचारियों और जापानी टीम को मिली सराहना

उन्होंने कहा, "पशु संगरोध और प्रमाणन सेवाएं (एक्यूसीएस), बेंगलुरु और पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार को विशेष धन्यवाद है, जिन्होंने संपूर्ण स्वास्थ्य प्रमाणन और संगरोध निरीक्षण किए और इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए जानवरों की उपयुक्तता सुनिश्चित की। हम भारत में जापान के दूतावास और वाणिज्य दूतावास के प्रति उनकी राजनयिक सुविधा, डॉक्यूमेंटेशन और पूरी प्रक्रिया में सहयोग के लिए आभारी हैं। दोनों देशों के बीच सुचारू समन्वय सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। हम निर्बाध परिवहन और समय पर माल की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए गोट्रेड फार्मिंग कंपनी लिमिटेड और ग्लोबल कार्गो सर्विसेज के उत्कृष्ट लॉजिस्टिक प्रबंधन की सराहना करते हैं।"

उन्होंने बताया, "इस उपलब्धि के केंद्र में बन्नेरुघट्टा जैविक उद्यान की समर्पित टीम, हमारे पशु चिकित्सक, महावत और सहायक कर्मचारी हैं, जिनके अथक प्रयासों ने हर स्तर पर हाथियों के स्वास्थ्य, आराम और सुरक्षा को सुनिश्चित किया। हम हिमेजी सेंट्रल पार्क टीम के सहयोग, तैयारी और आगमन पर जानवरों के गर्मजोशी से स्वागत के लिए उनकी सराहना करते हैं।"


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