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तेजस्वी यादव का पत्र नहीं, 'झूठे वादों का प्रचार-पत्र' : दानिश इकबाल

बिहार भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के जारी पत्र को लेकर उन्हें आईना दिखाया है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि जनता अब लालटेन के धुएं और झूठे वादों में उलझने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का यह पत्र नहीं, 'झूठे वादों का प्रचार-पत्र' है

तेजस्वी यादव का पत्र नहीं, झूठे वादों का प्रचार-पत्र : दानिश इकबाल
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पटना। बिहार भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के जारी पत्र को लेकर उन्हें आईना दिखाया है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि जनता अब लालटेन के धुएं और झूठे वादों में उलझने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का यह पत्र नहीं, 'झूठे वादों का प्रचार-पत्र' है।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का दावा है कि वे पांच साल में बिहार को देश का नंबर-1 राज्य बना देंगे। ज़रा सोचिए, जिस पार्टी ने 15 साल में बिहार को देश का सबसे पिछड़ा, सबसे अपराधग्रस्त और सबसे भ्रष्ट राज्य बना दिया, वह अब पांच साल में क्या चमत्कार कर देगी?

भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा, "राजद के शासनकाल (1990-2005) को 'जंगलराज' कहा गया, जहां अपराधी मंत्रियों के साथ बैठते थे और थाने में नहीं, मंत्री निवास में कानून चलता था। शिक्षा व्यवस्था इतनी चरमरा गई थी कि बिहार बोर्ड की परीक्षा भी नकल के बिना हो ही नहीं सकती थी। सड़कें थीं या गड्ढों का संग्रहालय? यातायात नाम की कोई व्यवस्था नहीं थी। डॉक्टर और शिक्षक भर्ती ठप पड़ी थी। बेरोजगारी चरम पर थी, और नौजवान पलायन को मजबूर थे।"

उन्होंने एनडीए सरकार की चर्चा करते हुए आगे कहा कि पिछले 20 वर्षों में एनडीए सरकार ने गांव से लेकर शहर तक बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के ढांचे को खड़ा किया। प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, कृषि विश्वविद्यालय, स्टार्टअप नीति और उद्योग प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गईं। गरीबों के लिए आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं ने सामाजिक न्याय को ज़मीन पर उतारा।

उन्होंने तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए सवालिया लहजे में कहा कि जब आपकी पार्टी सत्ता में थी, तब आपने बिहार को नंबर 36 बना दिया था, अब नंबर 1 की बात किस मुंह से कर रहे हैं? आपकी पार्टी के शासन में लालू-राबड़ी का परिवार ही सरकार थी, आज भी पूरी पार्टी एक ही परिवार की जागीर बनी हुई है — क्या यही ‘नया बिहार’ है?

उन्होंने आगे कहा कि क्या जनता यह भूल गई है कि जब नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ मिलकर सत्ता संभाली, तब बिहार विकास की रफ्तार पर लौटा?

भाजपा के नेता दानिश इकबाल ने साफ तौर पर कहा कि तेजस्वी यादव की राजनीति सिर्फ जुमलेबाज़ी, जातिवाद और वंशवाद के इर्द-गिर्द घूमती है। नौकरी का झांसा देकर वोट लेना और फिर पांच साल तक ट्वीट और विदेश यात्रा में मस्त रहना — यही उनका पुराना इतिहास रहा है। बिहार अब 'स्थायित्व विकास' चाहता है। एनडीए ने काम किया है और जनता काम को वोट देती है, ख्याली पुलाव को नहीं।


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