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करूर भगदड़ मामला : सुप्रीम कोर्ट आज स्वतंत्र जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनाएगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में हुई भगदड़ की स्वतंत्र जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। इस दर्दनाक घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे

करूर भगदड़ मामला : सुप्रीम कोर्ट आज स्वतंत्र जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनाएगा फैसला
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करूर भगदड़ मामले की स्वतंत्र जांच पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में हुई भगदड़ की स्वतंत्र जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। इस दर्दनाक घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ 13 अक्टूबर को इस मामले में दायर याचिकाओं पर अपना निर्णय सुनाएगी। याचिकाओं में घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

जहां अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की पार्टी टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की है, वहीं भाजपा नेता उमा आनंदन सहित कई अन्य लोगों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।

यह त्रासदी हाल के वर्षों में तमिलनाडु में भीड़ नियंत्रण की सबसे गंभीर विफलताओं में से एक मानी जा रही है, जिसने राजनीतिक आयोजनों में सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी आसरा गर्ग की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर जांच के आदेश दिए थे और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर आगे सुनवाई से इनकार कर दिया था।

3 सितंबर को दिए आदेश में हाईकोर्ट ने टीवीके के राजनीतिक नेतृत्व की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि घटना के बाद नेताओं और आयोजकों ने अपने समर्थकों को घटनास्थल पर छोड़ दिया।

न्यायमूर्ति एन. सेंथिलकुमार की एकल पीठ ने कहा था, “चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यक्रम आयोजक और पार्टी के नेता हादसे के बाद स्थल से फरार हो गए। न तो कोई पछतावा दिखा और न ही कोई जिम्मेदारी या खेद व्यक्त किया गया।”

हाईकोर्ट ने विजय, कार्यक्रम आयोजकों और पार्टी के सदस्यों के व्यवहार की “कड़ी निंदा” की थी और कहा था कि पार्टी को तत्काल राहत और बचाव कार्य में जुटना चाहिए था, क्योंकि भीड़ में कई बच्चे, महिलाएं और युवा फंस गए थे और अपनी जान गंवा बैठे।


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