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भारत–थाईलैंड सैन्य अभ्यास, अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाई बस बंधक कराए मुक्त

भारत और थाईलैंड की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मैत्री’ को अंजाम दे रही हैं

भारत–थाईलैंड सैन्य अभ्यास, अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाई बस बंधक कराए मुक्त
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नई दिल्ली। भारत और थाईलैंड की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मैत्री’ को अंजाम दे रही हैं। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास, मेघालय के उमरोई में पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ जारी है। जटिल परिदृश्य अभ्यास के तहत बस को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराया जा रहा है। बंधकों की मुक्ति के लिए सैन्य हस्तक्षेप अभियान चलाए गए हैं।

आतंकियों के कब्जे वाले कमरों में प्रवेश कर खतरों का खात्मा करने का अभ्यास भी दोनों देशों की सेनाओं द्वारा किया जा रहा है। जवान रॉक क्राफ्ट ट्रेनिंग कर रहे हैं जिसके तहत दुर्गम स्थानों पर चढ़ाई का अभ्यास किया गया है। जंगल सर्वाइवल ड्रिल्स में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में जीवित रहने और संचालन की क्षमता विकसित करने के गुर सिखाए जा रहे हैं।

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत दोनों सेनाओं की अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है। साथ ही दोनों देशों की सेनाएं इस अभ्यास के जरिए आपसी समझ और संयुक्त अभियानों की दक्षता को और मजबूत कर रही हैं। भारतीय सेना के मुताबिक यह अभ्यास 14 सितम्बर 2025 तक चलेगा। यह केवल एक सैन्य अभ्यास भर नहीं है बल्कि भारत–थाईलैंड के बीच सुदृढ़ रक्षा सहयोग तथा दीर्घकालिक सामरिक साझेदारी का प्रतीक भी है।

मेघालय में दोनों सेनाओं के जवान कंधे से कंधा मिलाकर प्रशिक्षण ले रहे हैं तथा एक-दूसरे की संचालनात्मक तकनीक, अनुभव और अभ्यासों से सीख रहे हैं। अब तक यहां कई महत्वपूर्ण गतिविधियां आयोजित की जा चुकी हैं। भारत और थाईलैंड की सेना ने यहां कॉम्बैट कंडीशनिंग – शारीरिक सहनशक्ति व युद्धक तैयारी को मजबूत करने हेतु एक बेहद कठोर प्रशिक्षण किया है। जवानों ने अभ्यास के दौरान हथियार और उपकरणों का परिचय साझा किया।

भारतीय थलसेना की इन्फैंट्री बटालियन की परिचालन शैली का परिचय दिया गया। नजदीक के युद्ध या आमने-सामने की युद्धक तकनीकें पर काम करते हुए विशेष मार्शल आर्ट्स के सेशन आयोजित किए गए हैं। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में संयुक्त कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन व इससे जुड़े अभियानों का प्रशिक्षण किया जा रहा है, तो वहीं सर्च एंड डेस्ट्रॉय मिशन को भी अंजाम दिया गया है। यह सर्च एंड डेस्ट्रॉय मिशन का अभ्यास आतंकवादी खतरों को निष्प्रभावी करने हेतु था।

उन्नत फायरिंग अभ्यास में जवानों ने दोनों हाथों से निशाना साधने का प्रशिक्षण लिया। स्नाइपर की सटीक ट्रेनिंग भी दोनों देशों के जवानों को दी जा रही है। ऐसे माहौल का निर्माण किया गया जैसा कि उच्च जोखिम वाले अभियानों में होता है। ऐसे उच्च जोखिम वाले स्थानों से त्वरित प्रवेश और निकासी का सैन्य अभ्यास किया जा रहा है। सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ विभिन्न खेलकूद गतिविधियां भी आयोजित की गई हैं, जिनका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच मित्रता, टीम भावना और आपसी सम्मान को बढ़ाना है।

दरअसल, अभ्यास मैत्री ने भारतीय थलसेना और रॉयल थाई आर्मी को एक अनूठा मंच प्रदान किया है, जिसके माध्यम से वे पेशेवर संबंधों को मजबूत कर रहे हैं व रणनीतिक ज्ञान का आदान–प्रदान कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अंतर्गत आतंकवाद-रोधी अभियानों में समन्वय बढ़ा है। इस अभ्यास के माध्यम से भारत और थाईलैंड ने एक बार फिर क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, जो दोनों देशों की सैन्य–सैन्य सहयोग और सामरिक साझेदारी को और गहराई प्रदान करता है।


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