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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल में 92.54 लाख मतदाताओं के नाम कटे, चुनाव आयोग ने जारी की मसौदा सूची

मतदाता सूची के दूसरे चरण के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR ) में चुनाव आयोग ने मंगलवार को तीन और राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल और केंद्र शासित अंडमान और निकोबार की मसौदा सूची जारी कर दी है।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल में 92.54 लाख मतदाताओं के नाम कटे,  चुनाव आयोग ने जारी की मसौदा सूची
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नई दिल्ली : मतदाता सूची के दूसरे चरण के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR ) में चुनाव आयोग ने मंगलवार को तीन और राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल और केंद्र शासित अंडमान और निकोबार की मसौदा सूची जारी कर दी है। इसमें साढ़े 95 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कट गए हैं। यानी इतने मृत, स्थानांतरित और दोहरे मतदाता पाए गए हैं। इनमें सबसे अधिक 42.74 लाख अकेले मध्य प्रदेश में मिले हैं। हालांकि, इनमें प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो तीनों राज्यों में मृत, स्थानांतरित व दोहरे मतदाताओं का सर्वाधिक प्रतिशत छत्तीसगढ़ में मिला है, जहां कुल 2.12 करोड़ मतदाताओं में से तीन प्रतिशत मृत, नौ प्रतिशत स्थानांतरित व एक प्रतिशत दोहरे मतदाता पाए गए हैं जबकि 87 प्रतिशत ने यहां अपने गणना फार्म जमा कराए हैं। छत्तीसगढ़ में 2.12 करोड़ मतदाताओं में से 27.34 लाख लोगों के नाम हटा दिए गए हैं।


जारी किए गए आंकड़े

चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश के कुल 5.74 करोड़ मतदाताओं में से 1.47 प्रतिशत मृत ( 8.46 लाख), 5.49 प्रतिशत स्थानांतरित ( 31.51 लाख) और 0.48 प्रतिशत ( 2.77 लाख) दोहरे मतदाता पाए गए हैं, जबकि 92.55 प्रतिशत ( 5.31 करोड़) ने गणना फार्म जमा कराए हैं। वहीं केरल में कुल 2.78 करोड़ मतदाताओं में से 2.33 प्रतिशत मृत (6.49 लाख), 5.25 प्रतिशत स्थानांतरित (14.61 लाख) व 0.49 प्रतिशत दोहरे ( 1.36 लाख) मतदाता पाए गए हैं, जबकि 91.35 प्रतिशत यानी 2.54 करोड़ मतदाताओं ने गणना फार्म भरे हैं।

राजनीतिक दलों से भी साझा किया

आयोग ने इसके साथ ही मसौदा सूची और मृत व स्थानांतरित मतदाताओं की सूची को राजनीतिक दलों से भी साझा किया गया है। साथ ही गड़बड़ियों को दावे-आपत्तियों के जरिये संज्ञान में लाने को कहा है। आयोग ने राजनीतिक दलों को ये दावे-आपत्तियां 22 जनवरी 2026 तक प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही कहा है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं, इसके लिए वह सहयोग करें।

आयोग के अनुसार, इस दौरान स्थानांतरित मतदाताओं की सूची में बीएलओ ने उन्हें रखा है, जो उन्हें मिले नहीं या फिर गणना फार्म वापस नहीं किया। इसमें बडी संख्या में दूसरे राज्यों में मतदाता बन चुके हैं या वे वहां उपस्थित नहीं पाए गए। इनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो किसी कारणवश मतदाता के रूप में पंजीकरण के इच्छुक नहीं थे। आयोग के अनुसार, जो मतदाता प्रारंभिक सूची से हटाए गए हैं, वे अभी भी शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं और मतदाता पंजीकरण अधिकारी अंतिम निर्णय लेंगे

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