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एचएएल के पहले एचटीटी-40 ट्रेनर विमान ने आसमान में भरी उड़ान

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने कहा कि पहला हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (एचटीटी-40) सीरीज प्रोडक्शन विमान, टीएच 4001, जो अगली पीढ़ी के वायु योद्धाओं को प्रशिक्षित करेगा

एचएएल के पहले एचटीटी-40 ट्रेनर विमान ने आसमान में भरी उड़ान
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नई दिल्ली। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने कहा कि पहला हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (एचटीटी-40) सीरीज प्रोडक्शन विमान, टीएच 4001, जो अगली पीढ़ी के वायु योद्धाओं को प्रशिक्षित करेगा, शुक्रवार को बेंगलुरु में एचएएल सुविधा से आसमान में उड़ान भरा।

एचएएल ने 'एक्स' पर पोस्ट कर बताया, "एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट एक पूर्णतः एरोबेटिक, टेंडम-सीट, टर्बोप्रॉप विमान है जिसे बुनियादी उड़ान प्रशिक्षण, एरोबेटिक्स, इंस्ट्रूमेंट फ्लाइंग और रात्रि उड़ान प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।"

हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर (एचटीटी)-40 एक एब-इनिशियो ट्रेनर विमान है जिसे प्राथमिक प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इस पूर्णतः एरोबेटिक, टेंडम-सीट टर्बो ट्रेनर में एक वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, हॉट रिफ्यूलिंग, त्वरित पायलट चेंजओवर और जीरो-जीरो इजेक्शन सीटें होंगी।

एक सिद्ध टर्बोप्रॉप इंजन से निर्मित, इस विमान को कम गति पर अच्छी हैंडलिंग क्षमता प्रदर्शित करने और प्रशिक्षण प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस विमान को एफएआर-23 मानक के लिए प्रमाणित किया जाएगा।

इस ट्रेनर विमान की अधिकतम गति 450 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम सेवा सीमा छह किलोमीटर है।

एचटीटी-40 ने पहली उड़ान 31 मई, 2016 को भरी और 6 जून, 2022 को सिस्टम-स्तरीय प्रमाणन प्राप्त किया।

इससे पहले, भारतीय वायुसेना ने 70 विमानों की आपूर्ति के लिए एचएएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिनका आगमन पहले 15 सितंबर, 2025 से शुरू होकर 15 मार्च, 2030 तक जारी रहना था।

एचटीटी-40 भारतीय सशस्त्र बलों के प्रारंभिक पायलटों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करेगा।

एक अधिकारी ने बताया कि इस खरीद में विमान के लिए एक पूर्ण मिशन सिम्युलेटर भी शामिल होगा, जो हवाई प्रशिक्षण का पूरक होगा और पायलटों को उड़ान से पहले जमीन पर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण का अभ्यास करने का अवसर प्रदान करेगा।

एचटीटी-40 सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप रक्षा और विमानन क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 अक्टूबर को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के महत्व पर बात करते हुए कहा था, "हम अब केवल एलसीए तेजस या एचटीटी-40 तक सीमित नहीं रह सकते। अब समय आ गया है कि हम अगली पीढ़ी के विमानों, मानवरहित प्रणालियों और नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में भी अपनी पहचान स्थापित करें।"

रक्षा मंत्री ने आगे कहा, "और मुझे पूरा विश्वास है कि एचएएल नासिक आने वाले समय में इन सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आज हम अत्याधुनिक, स्वदेशी तकनीकों पर जोर दे रहे हैं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस दिशा में भारत का मजबूती से प्रतिनिधित्व कर रहा है।"


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