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कांग्रेस ने बीआर गवई के 'संविधान' और 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता' पर दिए बयानों को बताया निजी राय, सरकार पर उठाए सवाल

कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। बीआर गवई ने स्पष्ट किया है कि संविधान खतरे में नहीं है

कांग्रेस ने बीआर गवई के संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर दिए बयानों को बताया निजी राय, सरकार पर उठाए सवाल
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कांग्रेस ने 'संविधान' और 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता' पर बीआर गवई के बयानों को निजी राय बताया

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। बीआर गवई ने स्पष्ट किया है कि संविधान खतरे में नहीं है। उन्होंने न्यायपालिका पर सरकारी दबाव के आरोपों को भी गलत ठहराया। हालांकि, कांग्रेस के नेता उनके बयानों को निजी राय बताते हुए अभी भी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

बीआर गवई के बयानों पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "उनकी अपनी राय है। आमतौर पर देखने को मिलता है कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। वह एक तरीके से संवैधानिक संस्थानों को अपने अधीन लेने की कोशिश कर रही है।"

कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भी पूर्व मुख्य न्यायाधीश को याद दिलाया कि पांच जज इसी भाजपा सरकार में जनता से न्याय मांगने के लिए आए थे।

उन्होंने कहा, "बीआर गवई को याद दिलाना चाहता हूं कि पांच जज इसी भाजपा सरकार में जनता से न्याय मांगने के लिए आए थे। इससे बड़ा और क्या प्रमाण हो सकता है? बीआर गवई के ध्यान में शायद यह चीज नहीं रही होगी कि पांच जजों ने सड़क पर उतरकर लोगों से न्याय मांगा था।"

इससे पहले, 'संविधान' और 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता' जैसे विषयों पर जवाब दिया। 'संविधान' के विषय पर उन्होंने कहा, "मैं नहीं मानता कि संविधान खतरे में है। 1973 का केशवानंद भारती जजमेंट एकदम क्लियर है। उस जजमेंट में साफ कहा गया है कि संसद संविधान की 'बेसिक स्ट्रक्चर' में बदलाव नहीं कर सकती। संविधान बदला ही नहीं जा सकता।"

उन्होंने 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता' के सवाल पर कहा, "सरकार का न्यायपालिका में हस्तक्षेप नहीं होता है। हां, जब कॉलेजियम कोई निर्णय लेता है तो कई तरह के फैक्टर्स पर विचार किया जाता है। उस समय एग्जीक्यूटिव, आईबी, लॉ मिनिस्ट्री, संबंधित चीफ जस्टिस, जिनका ट्रांसफर हो रहा है, चीफ मिनिस्टर और गवर्नर सभी की राय ली जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कॉलेजियम किसी दबाव में काम करता है।"


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