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कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। एसआईआर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है

कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
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पश्चिम बंगाल में एसआईआर के आदेश को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। एसआईआर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी की तरफ से न्यायमूर्ति सूर्यकांत के समक्ष यह मामला उठाया गया, जो बिहार और तमिलनाडु में एसआईआर मामले की सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में पश्चिम बंगाल से जुड़े केस को बिहार-तमिलनाडु एसआईआर मामले के साथ मंगलवार को सूचीबद्ध करने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने कहा, "बिहार का मामला मंगलवार को सूचीबद्ध है। हम चाहते हैं कि यह मामला बिहार एसआईआर मामले के साथ सूचीबद्ध हो।"

उन्होंने यह भी दावा किया कि लोग एसआईआर प्रक्रिया में खामियों का हवाला देते हुए पार्टी से संपर्क कर रहे हैं और इसी वजह से पार्टी ने शीर्ष अदालत का रुख किया है।

हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह मुख्य न्यायाधीश को तय करना है कि पश्चिम बंगाल का मामला भी हमारे समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा या नहीं।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी पहले ही तमिलनाडु में विशेष जांच रिपोर्ट (एसआईआर) को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर चुकी है।

बता दें कि चुनाव आयोग ने पहले चरण में बिहार में एसआईआर कराया। जून 2025 में विशेष गहन पुनरीक्षण का निर्देश दिया गया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। हालांकि, कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया को पूरा किया और उसके बाद चुनावों की घोषणा की गई।

बिहार के बाद चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत 12 राज्यों में एसआईआर कराने की घोषणा की। एक नवंबर से सभी 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।


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