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ग्रेटर नोएडा में किसानों की बड़ी महापंचायत, ट्रैफिक डायवर्जन लागू

गौतम बुद्ध नगर जिले में किसानों की समस्याओं को लेकर बुधवार को बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया है। यह महापंचायत भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र स्थित गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सामने यमुना एक्सप्रेसवे के नीचे अंडरपास पर की जा रही है

ग्रेटर नोएडा में किसानों की बड़ी महापंचायत, ट्रैफिक डायवर्जन लागू
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ग्रेटर नोएडा में महापंचायत के लिए भारी संख्या में जुटे किसान

ग्रेटर नोएडा । गौतम बुद्ध नगर जिले में किसानों की समस्याओं को लेकर बुधवार को बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया है। यह महापंचायत भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र स्थित गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सामने यमुना एक्सप्रेसवे के नीचे अंडरपास पर की जा रही है।

सुबह से ही आसपास के जिलों से ट्रैक्टर-ट्रॉली, गाड़ियों और मोटरसाइकिलों पर सवार होकर किसान बड़ी संख्या में महापंचायत स्थल की ओर आते देखे गए। कई किसान लाउडस्पीकर के साथ नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में पहुंचे। महापंचायत में किसानों की प्रमुख मांगें हैं—गौतम बुद्ध नगर जिले की ग्रामीण आबादियों का जल्द निस्तारण किया जाए और लंबे समय से स्थिर सर्किल रेट को बढ़ाया जाए। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और मुआवजे से जुड़ी समस्याओं को लेकर भी किसानों में भारी नाराजगी है।

महापंचायत को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह से सतर्क है। सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद कर दी गई है और किसी भी संभावित अव्यवस्था से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने इस मौके पर विशेष रूट डायवर्जन प्लान भी जारी किया है। यात्रियों को गलगोटिया यूनिवर्सिटी की ओर जाने से बचने की सलाह दी गई है और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की गई है।

भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। वहीं प्रशासन की ओर से किसानों से बातचीत करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।

गौरतलब है कि इस महापंचायत के लिए किसानों ने गांव-गांव जाकर जन जागरण कार्यक्रम शुरू किया था और सभी को इस महापंचायत में शामिल होने के लिए अपने मुद्दों से अवगत कराया था। यह कोई पहली बार महापंचायत नहीं है; इससे पहले कई बार अपनी मांगों को लेकर किसानों के कई संगठन महापंचायत और आंदोलन कर चुके हैं।


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