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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, दिवाली से पहले ही गाजियाबाद- नोएडा का बुरा हाल

दिल्ली-एनसीआर में दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर पार कर लिया है। गुरुवार सुबह आंकड़ों से पता चलता है कि गाजियाबाद के लोनी और नोएडा के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों से भी अधिक खराब स्थिति में पहुंच गई है

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, दिवाली से पहले ही गाजियाबाद- नोएडा का बुरा हाल
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दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण लाल निशान के पार, गाजियाबाद और नोएडा में बुरा हाल

नोएडा। दिल्ली-एनसीआर में दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर पार कर लिया है। गुरुवार सुबह आंकड़ों से पता चलता है कि गाजियाबाद के लोनी और नोएडा के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों से भी अधिक खराब स्थिति में पहुंच गई है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार, यानी 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। गाजियाबाद में लोनी का एक्यूआई 339 दर्ज किया गया, जो पूरे क्षेत्र में सबसे अधिक है। वहीं, नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 358 तक पहुंचा, जो चिंता का सबसे बड़ा कारण है।

गाजियाबाद के अन्य इलाके भी पीछे नहीं हैं- वसुंधरा और इंदिरापुरम दोनों का एक्यूआई 287 है और संजय नगर का एक्यूआई 260 रहा। नोएडा में हालात गंभीर बने हुए हैं। सेक्टर-116 में एक्यूआई 334, सेक्टर-1 में 257 और सेक्टर-62 में 207 दर्ज किया गया। दिल्ली में भी स्थिति बेहतर नहीं है।

आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार का एक्यूआई 335, वजीरपुर का 337, बवाना का 281 और मुंडका का 297 है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन अधिकांश इलाके 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में हैं। हवा की बिगड़ती गुणवत्ता को देखते हुए, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बनाए गए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के पहले चरण को लागू कर दिया गया है।

इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक और डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रदूषण का स्तर इसी तरह बना रहा, तो जल्द ही ग्रेप का दूसरा और सख्त चरण लागू किया जा सकता है। अक्टूबर के आंकड़े बताते हैं कि ओजोन और पीएम10 प्रमुख प्रदूषक तत्व रहे हैं। कई दिनों पर इनका स्तर बहुत अधिक दर्ज किया गया, जो दिवाली से पहले ही वायु गुणवत्ता में गिरावट का संकेत दे रहा था। 'बहुत खराब' श्रेणी का एक्यूआई स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।

इस स्थिति में सभी नागरिकों, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस व हृदय रोगियों को अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। लंबे समय तक बाहर रहने से बचना चाहिए और घर के अंदर हवा शुद्ध करने वाले उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।


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