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2025: भारत में आर्थिक और सामाजिक सुधारों का ऐतिहासिक वर्ष

भारत के लिए 2025 विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है और इस दौरान अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, अंतरिक सुरक्षा, सामाजिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में काफी बड़ा बदलाव आया है

2025: भारत में आर्थिक और सामाजिक सुधारों का ऐतिहासिक वर्ष
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जीएसटी 2.0 और टैक्स छूट से बदला आर्थिक परिदृश्य

  • लेबर कोड और एमएसएमई सुधारों से रोजगार और कारोबार को नई दिशा
  • इंश्योरेंस सेक्टर में 100% एफडीआई, प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली। भारत के लिए 2025 विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है और इस दौरान अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, अंतरिक सुरक्षा, सामाजिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में काफी बड़ा बदलाव आया है। यह बयान ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने सोमवार को दिया।

अखिलेश मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि 2025 भारत के शासन और विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक सुधार, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और अन्य क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आया है।

उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि 2025 में सिर्फ क्रमिक सुधारों ही नहीं किए गए हैं, बल्कि अराजकता, जबरदस्ती या भाई-भतीजावाद के बिना दशकों की झिझक को दूर किया गया है। 2025 भारत द्वारा अर्थव्यवस्था, श्रम, पूंजी, भूमि और कल्याण के संचालन के तरीके में अपरिवर्तनीय बदलाव लाने के बारे में है।

मिश्रा ने पोस्ट में विस्तार से बताया कि सरकार ने इस वर्ष जीएसटी 2.0 को लागू किया, इसे 2017 में लागू किए गए जीएसटी 1.0 के आठ साल बाद लाया गया है।

इस सुधार से जीएसटी के स्लैब की संख्या घटकर दो -5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत हो गई है, जो कि पहले चार थी। इस दौरान सरकार ने जरूरी चीजों पर टैक्स को शून्य कर दिया है।

इसके अलावा सरकार ने 12 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स को शून्य कर दिया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को मिला दिया जाए तो यह छूट 12.75 लाख रुपए तक पहुंच जाती है।

उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने शांति बिल के जरिए न्यूक्लियर पैरालिसिस को खत्म किया है। इससे फ्रीज हो चुका भारत का न्यूक्लियर सेक्टर खुलेगा और देश यूके, यूएस, जापान और चीन की तरह आगे बढ़ सकेगा।

भारत ने लेबर कोड के जरिए एक बड़ा सुधार किया है। इससे काम करने के एक साल बाद भी ग्रेच्युटी का फायदा मिल सकेगा। साथ ही समान वेतन और गिग वर्कर्स के सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इसके अलावा एमएसएमई का पुनर्वर्गीकरण एक अहम सुधार है। पुरानी व्यवस्था के तहत, भारतीय एमएसएमई को छोटा बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था, अन्यथा उन्हें लाभ खोने पड़ते थे। बजट 2025 ने इस विसंगति को दूर किया। निवेश और कारोबार की सीमाएं बढ़ाई गई हैं। तरलता में सुधार हुआ। ऋण प्रवाह बढ़ा। खरीद तक ​​पहुंच का विस्तार हुआ।

उन्होंने आगे लिखा कि विकसित भारत - जी राम जी बिल से मनरेगा में आने वाली बाधा को समाप्त किया है। इसमें 125 दिनों के रोजगार की गारंटी है और साथ ही अजीविका के साथ पानी की सुरक्षा और जलवायु पर भी फोकस किया गया है।

इसके अलावा इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी देने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अच्छे उत्पाद ग्राहकों के सामने आएंगे।


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