मथुरा में 9 नवम्बर से भेड़ बकरी की समस्याओं पर केन्द्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी
देश के जाने माने पशु वैज्ञानिक नौ नवम्बर से यहां शुरू होने वाली दो दिवसीय संगोष्ठी में भेड़ बकरी जैसे छोेटे रोमन्थी पशुओं के रोगों की रोकथाम समेत अन्य बाधाओं पर मंथन करेंगे।

मथुरा। देश के जाने माने पशु वैज्ञानिक नौ नवम्बर से यहां शुरू होने वाली दो दिवसीय संगोष्ठी में भेड़ बकरी जैसे छोेटे रोमन्थी पशुओं के रोगों की रोकथाम समेत अन्य बाधाओं पर मंथन करेंगे।
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान केन्द्र, अविका नगर, राजस्थान एवं केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, फरह (मथुरा) के संयुक्त तत्वाधान में होने वाली संगोष्ठी में कई छोटे रोमन्थी पशुओं (बकरी-भेड़) की देशभर में पायी जाने वाली प्रजातियों के आनुवांशिकी संवर्धन, उनके रोगों तथा उनकी रोकथाम, औषधियों, भोजन-चारे, दुग्ध/मांस, रेशे, आवास से मिलने वाले उत्पादों के विपणन, मूल्य संवर्धन इत्यादि के सम्बन्ध में हुए शोधों, समस्याओं, बाधाओं पर मंथन किया जायेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि संगोष्ठी का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस प्रयास को मूर्त रूप देना है जिसमें सन् 2022 तक देश के कृषकों तथा पशु-पालकों की आय को दुगुना करने का संकल्प लिया गया है।
संगोष्ठी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) के पूर्व उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान), डाॅ0 एम.एल. मदान तथा डाॅ0 वी.के. तनेजा मुख्य अतिथि और उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) डाॅॅ. एन.एस. राठौर मुख्य एवं विशिष्ठि अतिथि होंगे।
इनके साथ ही डाॅ0 अर्जवा शर्मा, डाॅ. नागेन्द्र शर्मा, पूर्व कुलपति शेर ए कश्मीर एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय एवं पूर्व निदेशक राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, जम्मू, डाॅ0 ए.के. रावत निदेशक बायोटेक्नोलाॅजी विभाग, पूर्व कुलपति सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ एवं भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान, इज्जत नगर, बरेली के पूर्व निदेशक डाॅ0 एम.पी. यादव भी भाग लेंगे।


