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ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा : वसुन्धरा राजे

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने रविवार को यहां कहा कि राज्य में पेयजल की विकट समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार सहानुभूतिपूर्वक विशेष अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता मुहैया कराए

ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा : वसुन्धरा राजे
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नई दिल्ली। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने रविवार को यहां कहा कि राज्य में पेयजल की विकट समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार सहानुभूतिपूर्वक विशेष अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता मुहैया कराए। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की। राजे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ईआरसीपी की व्यवहार्यता रिपोर्ट को केन्द्रीय जल आयोग से सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही मिल चुकी है, और राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलने से इस परियोजना को गति मिलेगी।

उन्होंने कहा, "राजस्थान में पानी की कमी के साथ-साथ इसकी खराब गुणवत्ता भी बड़ी समस्या है। देश की फ्लोराइड प्रभावित आबादी में से 53 प्रतिशत राजस्थान में है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में सतही जल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार परियोजना लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करे।"

राजे ने कहा, "एसडीआरएफ के नियमानुसार कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए अभी दो हेक्टेयर की काश्त की अधिकतम सीमा है। राजस्थान में काश्त का आकार तो बड़ा है, लेकिन ज्यादातर भूमि असिंचित अथवा बंजर है। विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए एसडीआरएफ नियम में बदलाव कर प्रति किसान काश्त की अधिकतम सीमा बढ़ाकर पांच हेक्टेयर किया जाए।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "राजस्थान में लगभग 8-10 जिले हर वर्ष सूखे की चपेट में रहते हैं। भारत सरकार की उच्चस्तरीय समिति वर्ष 2010 के कृषि सर्वेक्षण में किसानों की संख्या के आधार पर कृषि इनपुट सब्सिडी की राशि का निर्धारण करती है। किसानों की वास्तविक संख्या से यह संख्या कम होने के कारण पूरी मदद नहीं मिल पाती है। सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की वास्तविक संख्या और वास्तविक क्षेत्रफल के आधार पर मदद दी जानी चाहिए।"

राजे ने जीएसटी परिषद के अंतर्गत राज्यों का एक समूह बनाने की बात रखी, ताकि जीएसटी प्रणाली को लागू करने में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा सके। उन्होंने जीएसटी में रिफण्ड प्राप्त करने में व्यापारियों को आ रही परेशानियों को दूर करने की मांग भी की।

मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष की तैयारियों के सम्बन्ध में सुझाव दिया कि उनके नाम पर राजस्थान के मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की तर्ज पर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया जाए। राजे ने कहा कि राजस्थान में किए जा रहे प्रयासों से यह साफ हो गया है कि खादी को फैशन की दुनिया में एक अलग स्थान दिलाया जा सकता है। उन्होंने केन्द्र सरकार को गौशालाओं के लिए संस्थागत सहायता बढ़ाने का सुझाव भी दिया।

उन्होंने प्रदेश में मंडियों, उप मंडियों एवं पशुधन मंडियों की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने करीब 30 लाख किसानों के पचास हजार रुपये तक के ऋण माफ करने, किसान ऋण राहत आयोग का गठन करने, सहकारिता विभाग की ओर से दुर्घटना बीमा राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने जैसे बड़े कदम उठाए हैं।

राजे ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन का स्वागत करते हुए कहा, "हम केन्द्र की इस महत्वपूर्ण योजना के साथ भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को जोड़ने पर काम कर रहे हैं। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में एक करोड़ एनएफएसए परिवारों को शामिल किया गया है और अबतक 20 लाख मरीज इसका लाभ उठा चुके हैं।"


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