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राष्ट्रीय शिक्षा नीति अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी देगी शिक्षा के नए अवसर : धर्मेद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के माध्यम से अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी शिक्षा हासिल करने के नए अवसर हासिल होंगे

राष्ट्रीय शिक्षा नीति अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी देगी शिक्षा के नए अवसर : धर्मेद्र प्रधान
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नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के माध्यम से अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी शिक्षा हासिल करने के नए अवसर हासिल होंगे। नई शिक्षा नीति का लाभ केवल स्कूल, कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों तक सीमित नहीं है।

शिक्षा नीति के प्रावधानों के मुताबिक स्कूल, कॉलेजों की आयु को पार कर चुके अधिक आयु वर्ग के लोग भी नई शिक्षा नीति के प्रावधानों से लाभान्वित होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन चुनौतीपूर्ण कार्य है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे जन संगठन को इसके क्रियान्वयन के लिए आगे आकर सहायता करनी चाहिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने अधिक आयु के लोगों के लिए भी शिक्षा के द्वार खोले हैं।

शिक्षा मंत्री के मुताबिक, भारतीय भाषाओं को ज्ञान व शिक्षा का माध्यम बनने के मार्ग पर प्रशस्त किया है, आज विभिन्न देशों के लोग भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को लेकर उन्होंने कहा कि यह सृजनशील तथा रचनाधर्मिता के गुण से युक्त संगठन है। अभाविप के कार्यकर्ताओं में व्यवस्था परिवर्तन का साहस है। उन्होंने कहा आशा है, मेधा शक्ति के साथ संवेदनशीलता से युक्त युवाशक्ति देश को समृद्धि और नवाचार के पथ पर ले जाएगी।

प्रधान रविवार को जयपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल हुए। अभाविप ने प्राध्यापक यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार समारोह का आयोजन किया, जिसमें धर्मेद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रतिष्ठित यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार इस वर्ष महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा जिले के युवा समाज सेवी नंद कुमार पालवे को दिया गया है। इस कार्यक्रम में देश के सभी प्रांतों से अभाविप के सैकड़ों कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। समारोह के मंच पर प्रधान के साथ युवा पुरस्कार से सम्मानित नंद कुमार पालवे उपस्थित रहे।

पुरस्कार से सम्मानित नंदकुमार पालवे ने कहा, "यह पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इस समय सेवा क्षेत्र में युवाओं का आगे आना जरूरी है, जिनको कार्य करना है, उन्हें सिर्फ मार्ग दिखाई देता है, जिन्हें काम नहीं करना वे सिर्फ बात करते हैं। प्राध्यापक यशवंतराव केलकर ने अनेक युवाओं को प्रेरित किया है। हम युवाओं को एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जो समूचे विश्व का नेतृत्व करने वाला हो। मनोरोगियों की संख्या कम हो इसलिए जरूरी है कि उनसे संवाद किया जाए, वक्ता से अधिक लोग श्रोता हों। सेवाभाव हमें बेहतर व्यक्ति बनाता है, सेवा को धन की नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति की जरूरत है।"

धर्मेद्र प्रधान ने कहा, "यशवंतराव केलकर जी केवल एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक युग पुरुष थे। उनकी छोटी-छोटी बातों से जीवन को प्रेरणा मिलती है। अभाविप कार्यकर्ता के रूप में मैं अपने छात्र जीवन के दौरान जयपुर में आयोजित हुए अधिवेशन में आया था, यहां पुन आना मेरी उपलब्धि है। अभाविप का कार्यकर्ता एक तरह से विश्व के सबसे संवेदनशील विश्वविद्यालय का छात्र है, यहां का करिकुलम यशवंतराव केलकर जैसे दूरदर्शी व्यक्ति ने बनाया था। आज का समय ऐसा है जब लोग बस की बगल वाली सीट पर दूसरों को? जगह नहीं देना चाहते, ऐसे समय में यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार से आज सम्मानित हो रहे नंदकुमार पालवे 200 से अधिक निराश्रितों तथा अर्ध विक्षिप्त जनों की सेवा कर रहे हैं। पालवे जी का उदाहरण प्रेरणादायी तथा अनुकरणीय है।"


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